रोजाना हल्की-फुल्की चहलकदमी से पाये लंबी उम्र

सभी जानते हैं कि सेहत को दुरुस्त रखने के लिए शारीरिक सक्रियता बेहद जरूरी है। इससे आयु में भी इजाफा होता है। मगर बात आती है कि आखिर रोजाना कितने कदम चलने चाहिए? समझा जाता है कि जितने ज्यादा कदम चले जाएं, शरीर के लिए उतना ही बेहतर होता है। यह तरीका लंबी आयु से भी जुड़ा हुआ है। मगर यह कैसे जुड़ा है इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। इसलिए गिनती मायने रखती है। इसकी जांच करने के मामले में पुराने अध्ययनों में प्रतिभागियों की खुद की रिपोर्ट के आधार पर डाटा तैयार किया जाता था। लेकिन अब एक्टिविटी ट्रैकर के युग में वैज्ञानिक इस बारे में अधिक बारीकी से यह अनुमान लगा सकते हैं कि रोजमर्रा में चली जाने वाले स्टेप दीर्घायु में कैसे योगदान करते हैं।

थोड़ी सक्रियता भी बेहतर
उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान के शोधकर्ता क्रिस्टोफर मूर का कहना है कि हाल के दशकों में हुए तकनीकी विकास ने शोधकर्ताओं को गतिविधि की छोटी अवधि को मापने की सुविधा दी है। वियरेबल उपकरणों की मदद से इस बात के संकेत मिले हैं कि कि किसी भी प्रकार की शारीरिक सक्रियता गतिहीन रहने से बेहतर होती है।

ज्यादा चहलकदमी, लंबा जीवन
एक नए अध्ययन में मूर और साथी शोधकर्ताओं ने अध्ययन में करीब 40,000 महिलाओं के एकत्र किए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया। डेटा के एक सबसेट में शोधकर्ताओं ने 16,732 उन महिलाओं की लंबी उम्र की जांच की, जिन्होंने कमर  पर स्टेप काउंटर पहना था। इसके जरिए 2011 और 2015 के बीच चार से सात दिनों के लिए उनके दैनिक कदम और चलने के पैटर्न को मापा गया। निष्कर्षों में पाया गया कि अधिक चलते थे, उनके लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना अधिक रहती है।

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