लखनऊ…
स्मार्टफोन खरीद मामले में मंत्री और प्रमुख सचिव आमने-सामने.
विभाग की मंत्री स्वाति सिंह और प्रमुख सचिव वी.हेकाली झिमोमी आये आमने सामने.
पोषण मिशन के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए खरीदे जाने हैं स्मार्टफोन.
टेंडर में अनियमितता की शिकायत को लेकर विभागीय मंत्री और प्रमुख सचिव आए आमने-सामने.
टेंडर से बाहर हुई कंपनी की शिकायत पर मंत्री द्वारा टेंडर रुकवाने के लिए लिखा गया पत्र.
शासन द्वारा टेंडर निरस्त ना करके फाइनेंशियल बिड खोलने से मंत्री नाराज.
पहले चरण में 51 जिलों में सवा लाख स्मार्टफोन दिए जाने हैं.
कंपनी ने नीति आयोग और पीएमओ में भी की शिकायत.
प्रमुख सचिव वी.हेकाली झिमोमी बहुत ईमानदार अधिकारी हैं.
और खेला इसीलिए हो रहा है.
प्रदेश में कुपोषण को खत्म करने के अभियान को लगा झटका.
सरकार से करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत होने के बाद भी अधिकारी उसको दबाये रहे.
स्मार्ट फोन, आधार किट, जीएमडी, प्री स्कूल किट की खरीदारी नहीं हो सकी और बजट खजाने में ही पड़ा रहा.
केंद्र और राज्य सरकार की सहभागिता से कुपोषण दूर करने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) और राष्ट्रीय पोषण मिशन निदेशालय के माध्यम से कई कार्यक्रमों का संचालन हो रहा है.
हर वित्तीय वर्ष में सरकार के स्तर से बजट का भी प्रावधान होता रहा है.
बीतेस दो वित्तीय वर्ष से इन कार्यक्रमों के लिए स्वीकृत बजट को शासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने खर्च करने की नही दी अनुमति.
कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए उपकरण और संसाधनों की खरीद न हो पाने से बजट खाते में ही पड़ा रहा.
शबरी संकल्प अभियान शुरू न हो सका.
मार्च 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अति कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने के लिए शबरी संकल्प अभियान की घोषणा की थी.
योगी सरकार ने इसे अति महत्वाकांक्षी श्रेणी में रखते हुए पहली कैबिनेट में ही 200 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया था.
शासन में बैठे अधिकारियों ने अभियान शुरू करने की अनुमति ही नहीं दी.
बीते तीन साल सरकार की घोषणा फाइलों में दबी रही और स्वीकृत बजट भी बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के खाते में ही पड़ा रहा.