लखनऊ ।राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने प्रदेश के किसानों की दुर्दशा पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि हमारे कृषि प्रधान देश में सबसे अधिक किसान वर्ग ही दुखी है क्योंकि असमय ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों के प्रति सरकार की अनदेखी उनके दुःख और दर्द की मात्रा और बढा़ देती है।बिडम्बना यह है कि इस देश के शीर्ष नेताओं के साथ साथ आई.ए.एस.एवं पी.सी.एस.संवर्ग सहित समस्त देशवासियों की प्रष्ठभूमि में किसान और खेत ही है।. श्री त्रिवेदी ने कहा कि किसानों को विभिन्न जातियों में वर्गीकृत करने का कार्य विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने वोट के लालच में किया और शिक्षा की कमी के कारण नेताओं की इस साजिश किसान समझ नहीं सका।यही कारण है कि आज सत्ता की अनदेखी की मार झेल रहा है।भाजपा शासन में किसान प्रकृति और सत्ता के दो पाटों के बीच पिस रहा है।भाजपा ने जातियों में विभाजित किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने से लेकर उनके कर्जे माफ करने तक का ढोल नगाड़ों के साथ प्रचार करके वोट हासिल करके सत्ता हथिया ली।इसके बदले में किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाए कर्ज माफी के नाम पर डेढ़ और दो रुपये के चेक देकर अपमानित किया गया।वर्तमान महामारी के साथ प्रकृति की मार झेल रहे किसानों के लिए केवल आश्वासन मिल रहा है।प्रदेश के करोड़ों सीमान्त किसानों के मजदूर बेटे सरकार के सौतेले रवैये की मार झेल रहे हैं। रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अब सभी किसानों ने जातियों के बन्धन तोड़कर केवल एक किसान जाति का संकल्प कर लिया है और आगामी छोटे बडे़ सभी चुनावों में केवल किसानों के हितों की रक्षा करने वाले को अपना प्रतिनिधि चुना जायेगा तथा किसान मसीहा चौ.चरण सिंह के सपनों का भारत बनाने का रास्ता तय किया जायेगा।