कोरोना की पहली लहर में काफी हद तक बचे रहे उत्तर प्रदेश का दूसरी लहर में बुरा हाल है। राजधानी लखनऊ के अलावा कानपुर, प्रयागराज, नोएडा, वाराणसी और गाजियाबाद जैसे शहर चिंता की वजह बने हुए हैं। तेजी से बढ़ रहे मामलों की वजह से ऑक्सीजन से लेकर बेड तक की किल्लत झेलनी पड़ रही है। 20 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले राज्य का हाल महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा बदहाल है। सूबे में फिलहाल 2 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं। बीते 24 घंटे में राज्य में 28,287 नए केस मिले हैं औक 167 लोगों की मौत हुई है। यूपी में यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। आइए जानते हैं, किन वजहों से यूपी पर भारी पड़ रही कोरोना की दूसरी लहर…
राज्य में अब तक कोरोना के चलते 10,000 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 2,08,523 हो गई है। राज्य में महज तीन सप्ताह के अंदर एक्टिव केसों की संख्या में 21 गुना का इजाफा हुआ है। इसके अलावा बीते साल सितंबर के पीक के मुकाबले इस बार एक्टिव केसों की संख्या तीन गुना तक ज्यादा है। बीते महज 5 दिनों में ही यूपी में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या में 1 लाख का इजाफा हुआ है। एक्टिव केसों की संख्या में इस तरह के इजाफे से साफ है कि प्रदेश में रिकवरी रेट कम हुआ है और संक्रमण की दर तेज हुई है।
बीते साल सितंबर की बात करें तो केसों में जितना इजाफा होता था, उतना ही अनुपात रिकवरी का भी था। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि 1 सितंबर को एक्टिव केस 55,538 थे और 17 तारीख तक यह 68,235 हो गए। फिर इसके बाद गिरावट दर्ज की जाने लगी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है और लगातार इजाफा ही हो रहा है। हर दिन के साथ एक्टिव केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है, जबकि रिकवरी रेट कम होने के चलते ठीक होने वालों की संख्या घट रही है। राज्य में 1 अप्रैल को कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 11,918 थी, जो अब बढ़कर 2.08 लाख हो गई है।
कोरोना की दूसरी लहर में बड़ा अंतर यह भी है कि इस बार समूचे राज्य में केस मिल रहे हैं। पिछली बार नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठन, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज जैसे शहरों में ज्यादा केस मिल रहे थे। लेकिन अब राज्य के तमाम जिलों में तेजी से मामले आ रहे हैं। सोमवार को लखनऊ में 5,897 नए केस मिले हैं। इसके अलावा वाराणसी में 2,668 मामले सामने आए। प्रयागराज में 1,576 और कानपुर नगर में 1,365 केस मिले हैं। बड़ी बात यह है कि राज्य के 75 जिलों में से 56 ऐसे हैं, जहां कोरोना के 100 से ज्यादा एक्टिव केस हैं।
प्रदेश सरकार का कहना है कि उसने टेस्टिंग में इजाफा किया है और हर दिन सैंपल 2 लाख तक पहुंच गए हैं। इसके साथ ही पॉजिटिविटी रेट भी तीन गुना बढ़ गया है। बीते साल सितंबर में टेस्चिंग 1.3 से 1.5 लाख तक थी और पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी ही था, जो अब बढ़कर 14 पर्सेंट हो गया है। यह भी एक चिंता की वजह है।