पूर्व पाकिस्तानी पेसर शोएब अख्तर का कहना है कि यदि उन्हें मौका मिलता है तो वह भारतीय क्रिकेट टीम का बॉलिंग कोच बनना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के बाद बेहतरीन तेज गेंदबाज हैं, जिन्हें वह निखारकर अपने जैसा बॉलर बनाना चाहते हैं। कोरोना वायरस की वजह से सभी क्रिकेट टूर्नामेंट स्थगित या रद्द किए जा चुके हैं। ऐसे क्रिकेटर, पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर सोशल मीडिया के जरिये अपने फैन्स से जुड़े रहने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। शोएब अख्तर ने हाल ही में हेलो एप के साथ लाइव में कई बातें शेयर कीं। उन्होंने अपने करियर, दूसरे क्रिकेटरों को लेकर अपनी राय दी और साथ ही अपनी इच्छा भी बताई। शोएब अख्तर ने कहा कि अगर उन्हें मौका मिले तो वह भारत के गेंदबाजी कोच बनना पसंद करेंगे। शोएब अख्तर ने कहा, ”मैं भारतीय टीम का बॉलिंग कोच बनना चाहूंगा, क्योंकि इस वक्त भारत के बाद बेहतरीन तेज गेंदबाद हैं। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी सभी एक से बढ़कर एक पेसर हैं। मैं कोच बनकर इन गेंदबाजों को अपने जैसा तेज गेंदबाज बनाने की कोशिश करूंगा।” इसके अलावा इस पूर्व पाक पेसर ने आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स का बॉलिंग कोच बनने की इच्छा भी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मौका मिलेगा तो केकेआर का गेंदबाजी कोच बनना चाहूंगा। इस दौरान शोएब अख्तर ने पूर्व आईसीसी प्रमुख जगमोहन डालमिया का भी जिक्र किया और बताया कि अगर वह उनकी मदद नहीं करते तो उनका करियर बहुत पहले ही खत्म हो जाता।
1999 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने पीसीबी को कहा था कि शोएब अख्तर का गेंदबाजी एक्शन संदिग्ध है। पूर्व बीसीसीआई प्रमुख डालमिया उस समय आईसीसी क अध्यक्ष थे। वह 1997-2000 तक अध्यक्ष रहे।आईसीसी के सदस्य शोएब के एक्शन को गैर कानूनी बता रहे थे, लेकिन डालमिया ने यह कहा था कि शोएब की बाजू में ही जन्म से एक कमी है, जिसके चलते उनकी कोहनी आगे को रहती है। इसी के चलते शोएब को आगे खेलने की इजाजत मिली थी।