एक ओर जहां देश और दुनिया कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं वहीं भारत में लोगों को पिछली साल की तरह लॉकडाउन लग जाने का डर सताने लगा है। ऐसे में बार बार सरकार से जुड़े अधिकारियों से इसको लेकर सवाल किए जा रहे हैं। इस बीच लॉकडाउन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान से लोगों को राहत मिल रही है। दरअसल इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में शाह ने बताया है कि बीते साल लॉकडाउन का उद्देश्य अलग था। हम बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उपचार की रेखा तैयार करना चाहते थे। तब हमारे पास कोई दवा या टीका नहीं था। अब स्थिति अलग है।
शाह से पूछा गया कि इससे पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान कई पहल हुईं। आपातकाल वाली चीजें अब नहीं है? इसपर वह बोले- यह सच नहीं है। मुख्यमंत्रियों के साथ दो बैठकें हुईं और मैं भी मौजूद था। अभी, राज्य के राज्यपालों के साथ एक बैठक हुई थी। सरकारों के समर्थन के लिए सामाजिक क्षेत्र में शेयरहोल्डर्स को आगे बढ़ाने के लिए हमारी बैठक हुई है। टीकाकरण के मोर्चे पर वैज्ञानिकों के साथ बात हुई है और चिकित्सा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए एक बैठक हुई है। इससे लड़ने की तैयारी पूरी तरह से की जा रही है। इस समय संक्रमण की गति इतनी अधिक है कि यह लड़ाई थोड़ी मुश्किल है। लेकिन मुझे भरोसा है कि इस पर हमारी जीत होगी।
इंटरव्यू में गृहमंत्री से पूछा गया कि- कोरोना के नए वैरिएंट को अधिक भयानक बताया जा रहा है। क्या आप इसके बारे में चिंतित हैं? उन्होंने कहा कि- हर कोई चिंतित है। मुझे भी इसकी चिंता है। हमारे वैज्ञानिक इससे लड़ने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे भरोसा है कि हम जीतेंगे। मुझे लगता है कि उछाल मुख्य रूप से वायरस के नए म्यूटेंट के कारण है। कई देशों में उछाल देखा जा रहा है। वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे हैं और इस पर एक निष्कर्ष समय से पहले होगा।
उनसे पूछा गया कि पिछले साल की तरह, कोरोना को नियंत्रित करने के लिए क्या लॉकडाउन ही विकल्प है? शाह ने कहा- हम कई स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रहे हैं। शुरू में, लॉकडाउन का उद्देश्य अलग था। हम बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उपचार की रेखा तैयार करना चाहते थे। तब हमारे पास कोई दवा या टीका नहीं था। अब स्थिति अलग है। फिर भी, हम मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। आम सहमति जो भी हो, हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। मगर जलदबाज़ी में लॉकडाउन करने जैसी स्थिति नहीं दिख रही।