लखनऊ ।राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने केन्द्र और प्रदेश सरकारों पर किसान, मजदूर और कामगार विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अचानक किए गए लाक डाउन से यह आँकडा़ स्पष्ट हो रहा है कि उत्तर प्रदेश के साथ साथ विभिन्न प्रदेशों के लाखों मजदूर अन्य प्रदेशों में रोजी रोटी के लिए पडे़ हुए हैं जो कि स्पष्ट रूप से सरकारों की मजदूर विरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप पलायन के अतिरिक्त कुछ नहीं है। यदि सरकारों ने ग्रामीण स्तर पर कुटीर उद्योग धन्धों के विकसित करने में ध्यान दिया होता तो लाखों की तादाद में पलायन न हुआ होता। केवल विशिष्ट ट्रेनिंग प्राप्त लोग ही अन्य प्रदेशों में जाते।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि किसान मसीहा चौ.चरण सिंह ने देश में कुटीर उद्योगोँ की स्थापना के साथ ही उन्हें विकसित करने के पक्षधर थे और किसानों की खेती में रुचि रखते थे।यही कारण है कि उन्होंने कहा था कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहानों से होकर गुजरता है।देश में पिछली पंचवर्षीय योजना में केन्द्र के साथ साथ अधिकांश प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें रहीं और सम्पूर्ण देश में कौशल विकास योजना का ढिंढोरा पीटकर अरबों रुपयों की बन्दर बाँट हुई।किसी भी प्रदेश में धरातल पर कौशल विकास नजर नहीं आया।किसानों को केवल झूठा लालीपाप देकर वोट लिए गए और उनकी आवश्यक चीजों जैसे खाद,बीज,बिजली और डीजल आदि के मूल्य लगातार बढा़ये गये।कर्जमाफी के नाम पर हजारों किसानों को डेढ़ और दो रुपये के चेक देकर अपमानित किया गया। रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अब सरकारों की आँखें खुल जानी चाहिए और पिछली सरकारों का रोना छोड़कर किसानों और कामगारों के साथ साथ मजदूरों के विकास के एजेंडे पर कार्य प्रारम्भ करना चाहिए।निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था में देश के किसान, मजदूर और कामगार महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे और किसान मसीहा चौ.चरण सिंह के सपनों का भारत बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।