उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 11 साल की बच्ची से रेप और हत्या करने वाले दरिंदे को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। सात महीने पहले उसने बच्ची के साथ इस जघन्य वारदात को बेहद निर्ममता से अंजाम दिया था। उसने बच्ची को मौत के घाट उतारने के बाद उसके चेहरे को एसिड से जला भी दिया था। उसके पकड़े जाने के बाद से अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। छह मार्च को अदालत ने उसे दोषी ठहरा दिया था।
जौनपुर के मड़ियाहूं थाना क्षेत्र में यह वारदात हुई थी। बच्ची के साथ दरिंदगी की इस वारदात के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला था। लोगों ने तब इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरकर आंदोलन किया था। छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ करीब सात महीने तक चली सुनवाई के बाद सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम रवि यादव ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि ईंट-भट्टे पर काम करने वाला चंदौली का बालगोविंद उर्फ गोविंदा अपनी ससुराल मड़ियाहूं में रह रहा था। पिछले साल (वर्ष-2020) छह अगस्त को उसने 11 वर्षीय बच्ची और उसकी बहन को एक दुकान से टॉफी और बिस्कुट दिलाया। इसके बाद छोटी बहन को घर भेज दिया और बड़ी को बहला फुसलाकर मक्के के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। मामला कहीं खुल न जाए इस डर से उसने बच्ची की गला और मुंह दबाकर हत्या कर दी।
इसके बाद चेहरे पर एसिड डालकर जला दिया और शव को खेत में छिपाकर भाग गया। छोटी बहन ने घर जाकर बताया तो घर वाले खोजबीन करने लगे। दो दिन बाद गांव वालों ने बताया कि बालिका का शव खेत में है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया। जिसमें मृतका के साथ दुष्कर्म होने और सांस रुकने से मौत की पुष्टि हुई।
पुलिस ने आरोपित को चंदौली से गिरफ्तार किया और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। गत 26 नवंबर 2020 को आरोप तय हुआ। मृत बालिका की छोटी बहन व जिस दुकान से आरोपित ने टाफी -बिस्किट जाकर खरीदा था, दोनों ने कोर्ट में आरोपित का नाम लेते हुए गवाही दी। विशेष लोक अभियोजक राजेश उपाध्याय व एडीजीसी वीरेंद्र मौर्य ने 11 गवाह पेश किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद छह मार्च को आरोपित को अपहरण, दुष्कर्म, हत्या, साक्ष्य छिपाने व पाक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी करार दिया था। सोमवार को उसे फांसी की सजा सुनाई गई।