दिल्ली मेट्रो की ग्रीन लाइन पर कई स्टेशनों के गेट बंद

दिल्ली मेट्रो के ग्रीन लाइन सेक्शन पर टीकरी कलां से ब्रिगेडियर होशियार सिंह तक के सभी स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार सोमवार सुबह बंद कर दिए गए। हालांकि, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने मेट्रो स्टेशनों को बंद करने का कारण नहीं बताया है।

DMRC ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट कर बताया, “सिक्योरिटी अपडेट: टीकरी कलां से ब्रिगेडियर होशियार सिंह तक स्टेशनों के प्रवेश / निकास द्वार बंद हैं।”

ग्रीन लाइन पर टीकरी कलां से ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशनों के बीच तीन स्टेशन – टीकरी बॉर्डर, पंडित श्री राम शर्मा (मॉडर्न इंडस्ट्रियल एस्टेट) और बहादुरगढ़ सिटी हैं।

इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए भारी संख्या में पंजाब की महिलाएं दिल्ली-हरियाणा की सीमा टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर पहुंची हैं। माना जा रहा है कि इसी के चलते डीएमआरसी ने ऐहतियातन यह कदम उठाया है। इस दौरान एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से तीनों काले कानूनों को वापस लाने का आग्रह करते हैं।

गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 102वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है। किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और उन्होंने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल की थी।  

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। सरकार इन कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। 

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