किसान आंदोलन को हरियाणा सरकार में बीजेपी के सहयोगी दल जेजेपी विधायकों द्वारा समर्थन दिए जाने के बाद से यह अटकलें लगाई जा रही है उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जल्द समर्थन वापस ले लेंगे। पर इसकी दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि राज्य में भाजपा-जेजेपी का गठबंधन मजबूत है और जेजेपी के कुछ विधायकों द्वारा किसानों के विरोध प्रदर्शन का खुल कर समर्थन करने के बावजूद कहीं से भी कोई समस्या नहीं है। वहीं सरकार से हटने के लिए विपक्ष और हरियाणा के कुछ किसानों की ओर से दबाव का सामना कर रहे दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को खतरा होगा तो वह इस्तीफा दे देंगे।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उम्मीद जतायी कि किसान अब अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे क्योंकि सरकार ने एमएसपी और अन्य मांगों पर लिखित में आश्वासन दिया है। जेजेपी के नेता ने कहा कि उन्हें आशा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान समझेंगे कि जब केंद्र ने लिखित में आश्वासन दिया है तो ‘यह उनके संघर्ष की जीत है।’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि किसान केंद्र के साथ सुलह पर पहुंचेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”जब लिखित में आश्वासन दिया गया है तो मुझे नहीं लगता कि मुद्दे को आगे ले जाने की जरूरत है।
चौटाला ने कहा कि वह किसानों के मुद्दे पर लगातार केंद्र के साथ संपर्क में थे और उनकी पार्टी ने भी कुछ सुझाव दिए हैं । उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह गतिरोध खत्म होगा। राज्य में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से हटने के लिए विपक्ष और हरियाणा के कुछ किसानों की ओर से दबाव का सामना कर रहे चौटाला ने कहा कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को खतरा होगा तो वह इस्तीफा दे देंगे। उपमुख्यमंत्री ने अपने दादा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री का हवाला देते हुए कहा कि चौधरी देवीलाल कहा करते थे कि सरकार किसानों की बात तब सुनती है जब सरकार में उनकी हिस्सेदारी होती है। हम और हमारी पार्टी किसानों की चिंताओं को सरकार के सामने रख रहे हैं। उनकी अपनी ही पार्टी के विधायकों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने के बारे में पूछे जाने पर चौटाला ने कहा कि मैं सबसे पहले किसान हूं, क्या मैं इससे इनकार कर सकता हूं।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि हमारा गठबंधन मजबूत है। कहीं से भी कोई समस्या नहीं है। पिछले एक साल में हमने जो काम किया है, उससे अगले चार साल में विकास कार्यों में तेजी आएगी। राज्य मंत्रिमंडल की अनौपचारिक बैठक करने के बाद खट्टर से जेजेपी विधायकों द्वारा किसानों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने के बारे में पूछा गया था, जिसपर उन्होंने यह कहा। जेजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक राम कुमार गौतम ने हाल ही में मांग की थी कि नये कृषि कानूनों को रद्द करने का केंद्र से अनुरोध करने के लिए एक प्रस्ताव लाने को लेकर राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।
एक प्रश्न के उत्तर में खट्टर ने इशारा किया कि उनकी सरकार उन किसानों के साथ नरमी से पेश आएगी, जिन पर पिछले महीने हरियाणा पुलिस ने मामला दर्ज किया था। यह पूछे जाने पर कि जेजेपी ने मामले वापस लेने की मांग की है, खट्टर ने कहा कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, सभी चीजों को ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान हमारे अपने हैं, जो अपने होते हैं उनके साथ सारी चीजें ठीक होती हैं।