केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को निर्देश दिया है कि वे पिछले तीन साल में जवानों को दिए गए अवकाश की सूची बनाकर उनके मंत्रालय को भेजें। गृहमंत्री अपनी महत्वाकांक्षी योजना के तहत जवानों को साल में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ गुजारने का मौका देने के पक्ष में हैं।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि गृहमंत्रालय ने सभी बलों को निर्देश दिया है कि वे अवर महानिदेशक (मानव संसाधन प्रभारी) रैंक के एक अधिकारी को इस काम पर लगाएं और अगले महीने के पहले सप्ताह तक इस संबंध में रिपोर्ट सौंपें। गृह मंत्रालय ने सभी बलों से पिछले तीन साल, 2018, 2019 और 2020 में जवानों को दी गई छुट्टियों का पूरा हिसाब मांगा है, ताकि पता किया जा सके कि गृहमंत्री का प्रस्ताव जमीनी स्तर पर लागू हो रहा है या नहीं।
बलों से कहा गया है कि वे मंत्रालयों को अपने संख्या बल के बारे में बताएं, कितने लोगों को साल में 75 अवकाश पाने का अधिकार है और उनमें से कितने कर्मियों ने अपना अवकाश लिया है। कितने जवानों ने 60 से 74 अवकाश लिए हैं और उनमें से कितने सिर्फ 45 से 59 दिन अवकाश ले पाए हैं। केंद्रीय सशस्त्र बलों या अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी शामिल हैं। यह निर्देश असम राइफल्स पर भी लागू होगा।
आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, शाह ने पिछले साल शुरू की गई इस योजना की हाल ही में समीक्षा करने के बाद यह निर्देश दिया है। इस योजना के तहत बलों को सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक जवान और अधिकारी साल में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ गुजारें। इस योजना का लक्ष्य बेहद मुश्किल हालात में लंबी-लंबी शिफ्ट में काम करने वाले बलों में तनाव को कम करके खुशियों को बढ़ाना है।