दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में षड्यंत्र से जुड़े एक मामले में अवैध गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 26 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि इस बात पर भरोसा करने के पर्याप्त आधार हैं कि तन्हा के खिलाफ लगे आरोप प्रथम दृष्ट्या सही हैं। तन्हा को दंगों के संबंध में’सोची समझी साजिश का कथित रूप से हिस्सा होने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।