मौजूदा युग तकनीक का है – तकनीक ही पारदर्शिता की कुंजी है : मुख्यमंत्री

खुद रहें और बच्चों को भी करें तकनीकी रूप से अपडेट

मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि मौजूदा युग तकनीक का है। खुद भी तकनीकी रूप से अपडेट रहें और बच्चों को भी करें। तकनीक ही पारदर्शिता की कुंजी है। अगर तकनीक नहीं हाेती तो हम कोरोना के इस अभूतपूर्व संकट में जरूरतमंदों को पेंशन, भरण-पोषण भत्ता अौर किसान सम्मान निधि के रूप में एक क्लिक पर लाभ नहीं पहुचा पाते।तकनीक की वजह से ही हम कोरोना के इस दौर में ऑनलाइन प्रक्रिया से पठन-पाठन की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रख सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा हमारी पूंजी है। जो जिस लायक है उसकी मेरिट का सम्मान करते हुए वह जगह मिल रही है। मेरिट के आधार पर ही हमने अब तक करीब 3.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। इतनी ही नौकरी देने जा रहे हैं। शुरुआत हो चुकी है।

अपनी खूबियों से बच्चों के लिए मार्गदर्शक बनें

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ नवनियुक्त शिक्षकों से बात भी की। उन्होंने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक होता है। इस रूप में उसका फर्ज भी बड़ा होता है। अगर एक शिक्षक पूरी लगन और ऊर्जा से बच्चों को पढ़ाए तो उसमें समाज बदलने की क्षमता होती है। अपने काम से वह न केवल बच्चों में बल्कि समाज में भी सम्माननीय होता है। आने वाली पीढियों के लिए वह नजीर बना जाता है, पर इस सबके लिए उसे खुद को साबित करना अपने कार्य एवं व्यवहार से साबित करना होता है। यकीनन आपमें यह क्षमता है। आपका चयन आपकी मेरिट के आधार पर हुआ है। खुद को अपने विषय के बारे में अप्डेट रखें। नियिमत स्कूल जाएं। मेहनत से बच्चों को पढ़ाएं। खुद को अपडेट रखें। जिन शिक्षकों से बात हुई उनमें मेरठ के जगमोहन सिंह, प्रयागराज की स्मिता जायसवाल, गोरखपुर की निकहत परवीन और हेमप्रभा एवं मनीष कुमार मिश्रा और झांसी की ज्योति।

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