हाथरस कांड में रोज नई-नई बातें सामने आ रही हैं। बुधवार को आरोपी संदीप ने जेल से चिट्ठी लिखकर पीड़िता से दोस्ती का हवाला देते हुए खुद को निर्दोष बताया। गुरुवार को पीड़िता से मिलने पहुंची वकील सीमा कुशवाहा ने सवाल उठाया कि देश में आरोपी कब से चिट्ठी लिखने लगे।
सीमा कुशवाहा ने हाथरस के कथित गैंगरेप केस में पीड़िता की ओर से नि:शुल्क मुकदमा लड़ने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि परिवार ने उन्हें जो कुछ बताया है उस आधार पर वह सबसे पहले कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करेंगी। काल डिटेल और आरोपी की चिट्ठी में आरोपी संदीप और पीड़िता के बीच दोस्ती की बात को खारिज करते हुए वकील सीमा कुशवाहा ने पूछा कि क्या किसी से जान-पहचान और परिचय होने से हत्या की छूट मिल जाती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) नहीं देखा लेकिन यदि बातचीत हुई भी है तो इससे हत्या को कौन जायज ठहरा सकता है। उन्होंने कहा कि इस घटना से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह की बातें की जा रही हैं।उन्होंने कहा कि आरोपी जेल से चिट्ठियां नहीं लिखते।
पीड़ित को अपनी बात कहने का अधिकार है। शिकायत दर्ज करने और न्याय पाने का अधिकार है। आरोपी को कोर्ट में अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए लड़ रही हैं। जो दोषी है उसे सजा मिलनी चाहिए और जो निर्दोष हो उसे छूटना चाहिए। सीमा कुशवाहा दिल्ली के निर्भया केस में निर्भया की वकील थीं। उस केस में आरोपियों की ओर से मुकदमा लड़ने वाले वकील ए.पी.सिंह द्वारा इस केस में भी आरोपियों की ओर से खड़े होने के एलान पर सीमा कुशवाहा ने कहा कि कोर्ट में वे अपनी बात रखेंगे और हम अपनी बात।
सीमा कुशवाहा ने सीबीआई जांच के सवाल पर कहा कि इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है जिसमें महिला और दलित अधिकारी भी हैं। परिवार को इस पर भरोसा भी है। परिवार यदि कोर्ट की निगरानी में जांच चाहता है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पीड़िता के परिवार को 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने पेश होना है। उस दौरान वह भी वहां मौजूद रहेंगी।