यूपी के हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश है। इस बीच हाथरस में गैंगरेप के बाद गंभीर चोटों के चलते जिंदगी से जंग हारने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की के परिवार ने डीएम पर आरोप लगाया कि अपने बयान ‘बार-बार बदलने बदलने को’ लेकर जिला प्रशासन उन पर दबाव डाल रहा है। हाथरस से एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हाथरस के डीएम पीड़िता के परिवार पर बयान बदलने को लेकर एक तरह से धमकाते दिख रहे हैं। वायरल वीडियो में डीएम कह रहे हैं कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे, मगर पुलिस यहीं रहेगी। लड़की के पिता ने कहा कि उन पर सरकारी अधिकारी दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
इस वायरल वीडियो में कथित तौर पर हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने पीड़िता के पिता से कथित तौर कहा कि क्या वह बयान पर कायम रहना चाहते हैं, या उसे बदलना चाहते हैं, इस बारे में ‘एक बार फिर से सोंचे। वीडियो के मुताबिक जिलाधिकारी ने पीड़िता के पिता से कहा, ‘आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करिये। मीडिया वाले (के बारे में), मैं आपको बता दूं कि आज अभी आधे चले गये, कल सुबह तक आधे और निकल जाएंगे और…हम ही बस खड़े हैं आपके साथ में, ठीक है। अब आपकी इच्छा है, नहीं बदलना है…। ‘
यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया है और लिखा है, ‘ यूपी सरकार किसी को पीड़िता के गावं जाने से क्यों रोक रही है उसका जवाब यहां है।’
एक अन्य कथित वीडियो के मुताबिक, परिवार की एक महिला सदस्य ने दावा किया कि उन पर जिलाधिकारी दबाव डाल रहे हैं और उन्हें डर है कि ये लोग अब उन्हें यहां नहीं रहने देंगे। इसमें उन्होंने कहा, ‘उन लोगों ने मम्मी के उल्टे सीधे वीडियो बना रखे हैं, उस टाइम हालात ऐसे थे कि जिसके जो मुंह में आ रहा था वो हम लोग बोले जा रहे थे…अब ये लोग (प्रशासन) हमें यहां रहने नहीं देंगे। ये डीएम (जिलाधिकारी) ज्यादा ही चालबाजी कर रहे हैं, प्रेशर (दबाव) डाल रहे हैं जबरदस्ती…कह रहें कि तुम लोगों की बातों का भरोसा नहीं है, जबरदस्ती बयान बदल रहे। पापा को बुलवा रहे, कह रहे कि बयान बदलने से तुम्हारी विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी, हम लोग (प्रशासक) दूसरी जगह (स्थानांतरित होकर) चले जाएंगे।’
लड़की के पिता ने दावा किया कि पुलिस थाने जाने के लिये उन पर दबाव डाला गया, जहां जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों ने उनके परिवार के तीन सदस्यों से कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराये। गौरतलब है कि बुधवार को परिवार ने यह आरोप भी लगाया था कि पीड़िता के शव का प्रशासन ने रातोंरात जबरन अंतिम संस्कार कर दिया। गैंगरेप की यह घटना पखवाड़े भर पहले हुई थी। मगर पुलिस का दावा है कि फॉरेंसिंक रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है।