भारतीय नौसेना के कभी शान रहे विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विराट के नए मालिक ने इसे बेचने के बदले मुंबई की एक कंपनी से 100 करोड़ रुपये मांगे है। यह कंपनी इस सेवा मुक्त युद्धपोत को तोड़ने से बचाने और इसे संग्रहालय में तब्दील करने की आखिरी कोशिश कर रही है। आईएनएस विराट एक विमानवाहक पोत है, जिसे 1987 में नौसेना में शामिल किया गया था और 2017 में सेवा से हटा दिया गया था। इसे श्री राम ग्रुप ने इस साल जुलाई में नीलामी के दौरान 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था।
यह युद्धपोत गुजरात के तट पर पोत तोड़ने वाले यार्ड पर पिछले हफ्ते पहुंचा था। यह भारत की समृद्ध समुद्र विरासत का प्रतीक है। श्रीराम ग्रुप के अध्यक्ष मुकेश पटेल ने गुरुवार को कहा कि यह पोत नीलामी में कबाड़ के तौर पर खरीदा गया था। संभावित खरीदार को इसे खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। उन्होंने कहा-मैंने यह पोत देश प्रेम की वजह से खरीदा, अब मुंबई की एक कंपनी पोत को संग्रहालय में बदलना चाहती है, चूंकि वे भी देशभक्ति की वजह से ऐसा कर रहे हैं, इसलिए मैं उन्हें पोत बेचने को राजी हो गया।
पटेल ने यह भी कहा कि यह पेशकश सीमित समय के लिए है और वह सिर्फ अगले हफ्ते तक इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा-मुझे बताया गया कि कंपनी एनओसी लेने के लिए कोशिश कर रही है, लेकिन मैं हमेशा के लिए प्रतीक्षा नहीं कर सकता, मैं एक और हफ्ते इंतजार करूंगा, इसके बाद मैं पोत को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दूंगा।
एनवीटेक्ट मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटिड के प्रबंधक निदेशक वीके शर्मा ने युद्धपोत खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने पहले केंद्र सरकार से एनओसी हासिल करने का विश्वास व्यक्त किया था ताकि आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदला जा सके। शर्मा ने दावा किया कि उन्हें इस देशभक्ति की कोशिश में गोवा सरकार का समर्थन मिला है।