कोरोना व दूसरे गंभीर मरीजों को इलाज के एवज में और अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। खासतौर पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती मरीजों को। दरअसल ऑक्सीजन की कीमतों में तगड़ा इजाफा हुआ है। गुजरे 10 दिनों में ऑक्सीजन की कीमतें दोगुने से ज्यादा बढ़ गई हैं।
कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से 60 से 70 प्रतिशत तक अधिक ऑक्सीजन की खपत बढ़ी है। मांग बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की किल्लत भी शुरू हो गई। कई राज्यों में बड़े लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट में ताला लग गया। नतीजतन लिक्विड ऑक्सीजन की कमी हो गई। केजीएमयू, पीजीआई, एरा समेत दूसरे बड़े प्राइवेट अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति हैं। यहां लिक्विड गैस की कमी का भार ऑक्सीजन सिलेंडर पर आ गया।
-जाम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर अभी तक 350 रुपये में मिलता था। अब उसकी कीमत 730 रुपये हो गई है।
-लिक्विड ऑक्सीजन 17 रुपये क्यूविक सेंटीमीटर थी। मौजूदा समय में 40 से 42 रुपये में मिल रही है।
-ऑक्सीजन सपोर्ट पर सामान्य वार्ड में भर्ती मरीज को 24 घंटे में 1500 रुपये चुकाने पड़ रहे थे। अब 3000 रुपये अदा करने पड़ रहे हैं। आईसीयू में भर्ती मरीजों को 2400 रुपये देने पड़ रहे थे। अब 48 सौ रुपये अदा करने पड़ रहे हैं। हालांकि अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने कोविड मरीजों के इलाज की कीमतें तय की है। तय दर ली जा रही हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि बड़ी संख्या में मरीज सांस फूलने की परेशानी लेकर आ रहे हैं। इन्हें आईसीयू या फिर एचडीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। बहुत से ऐसे मरीज है जो भर्ती तो सामान्य वार्ड में हैं। पर, वह भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। डॉक्टरों के मुताबिक जनरल वार्ड में ऑक्सीजन कम मात्रा में मरीज को देने की जरूरत पड़ती है। आईसीयू व एचडीयू में भर्ती मरीजों को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देनी पड़ती है। 30 से 40 प्रतिशत मरीजों को आठ से 10 दिन ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ रहा है।
यहां गंभीर मरीजों के इलाज की सुविधा
केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई, एरा, इंटीग्रल, टीएसएम, विवेकानंद, मेयो, मेदांता, विद्या व सहारा व अन्य लेवल-3 के अस्पताल हैं। इनमें आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा है। इनमें कोरोना के गंभीर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
-28 सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज की सुविधा है
-283 वेंटिलेटर युक्त बेड हैं
569 बेड हैं हाई डिपेंडेंसिव यूनिट (एचडीयू) में।
राजधानी में दो प्लॉट पर ऑक्सीजन का निर्माण हो रहा है। इंडस्ट्री को ऑक्सीजन सप्लाई न करने के आदेश दिए गए हैं। ताकि मरीजों का इलाज प्रभावित न हो। अभी ऑक्सीजन की किल्लत नहीं है। दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो रही है। भाड़ा आदि बढ़ने की बात कंपनियों ने बताई है। इस नाते कीमतों में इजाफा हुआ है। इसे दिखवाया जा रहा है।
बृजेश कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर, एफएसडीए