लखनऊ केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर की नर्स कोरोना पॉजिटिव, वेंटिलेटर यूनिट सील

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लखनऊ केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर मेडिसिन (सीसीएम) विभाग की नर्स कोरोना वायरस की चपेट में आ गई है। सर्दी-जुकाम और बुखार के बावजूद शनिवार रात उसकी ड्यूटी वार्ड में लगा दी गई थी। संक्रमण की पुष्टि के बाद सीसीएम में हड़कंप मच गया। विभाग में 14 मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती हैं। नर्स के संक्रमित होने से वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है। 16 डॉक्टर व कर्मचारियों को क्वॉरंटीन में भेज दिया गया है। विभाग को सील कर दिया गया है। संक्रमित नर्स को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है।

तबीयत खराब थी फिर भी बुलाई गई नर्स
ट्रॉमा के पांचवे तल पर सीसीएम विभाग है। इसमें गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है। नक्खास निवासी संविदा नर्स 21 अप्रैल को रात्रि ड्यूटी पर थी। नर्स से सर्दी-जुकाम और बुखार की शिकायत की। ड्यूटी खत्म होने के बाद सुबह आठ बजे घर चली गईं। तबीयत खराब होने की बात कहकर छुट्टी ली। 24 की दोपहर को फोन गया।

नर्स ने तबीयत ठीक न होने बात कही तो उसे यह संदेश दिया गया कि यदि वह ड्यूटी पर नहीं आती है तो नौकरी खतरे में पड़ सकती है। नौकरी बचाने के लिए नर्स 25 को रात 8 बजे वार्ड में पहुंची। नर्स ने वार्ड प्रभारी को तबीयत के बारे में बताया। रेजिडेंट डॉक्टर ने कोरोना के शक के आधार पर नर्स को संदिग्ध वार्ड में शिफ्ट किया। कोरोना की जांच के लिए नमूना लिया गया। रविवार को नर्स में कोरोना पॉजिटिव आया।

नए मरीजों की भर्ती बंद
कोरोना संक्रमण की आशंका में विभाग में नए मरीजों की भर्ती बंद कर दी गई है। रविवार को पांच से ज्यादा गंभीर मरीजों को वापस लौटा दिया गया है। इन मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत बताकर केजीएमयू रेफर किया गया था। इनमें एक सीतापुर, हरदोई व तीन लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीज शामिल हैं।

गंभीर मरीजों की जान जोखिम में
नर्स में कोरोना की पुष्टि से सीएमएम में गंभीर मरीजों की जान जोखिम में पड़ गई। यहां करीब 14 मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती हैं। इन गंभीर मरीजों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में रोगों से लड़ने की ताकत कम होती है। वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को संक्रमण का खतरा 50 गुना ज्यादा रहता है। इन मरीजों के कई तीमारदार वार्ड के बाहर रहते हैं। जो समय-समय पर मरीज से मिलते हैं। डॉक्टर व नर्स भी ड्यूटी करते हैं। ये कर्मचारी व तीमारदार ट्रॉमा में कई स्थानों में आना-जाना होता है। फीस व दवा लेने खरीदने जाते हैं। सैकड़ों लोगों की जान सांसत में पड़ गई है।

नक्खास में अलर्ट
केजीएमयू ने मामले की सूचना सीएमओ कार्यालय को दी। इसके बाद सीएमओ की टीम ने नक्खास को अलर्ट कर दिया। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक टीम नक्खास के कटरा बेग स्थित नर्स के घर पहुंची। परिवार के 10 सदस्यों के नमूने लिए। सभी को घर में क्वॉरंटीन किया गया।

केजीएमयू में लगातार लापरवाही
केजीएमयू में लगातार लापरवाही हो रही हैं। 13 अप्रैल को केजीएमयू के वरिष्ठ डॉक्टर ने कोरोना संक्रमित मरीज को ट्रॉमा कैजुअल्टी में भर्ती करा दिया था। इससे सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में पड़ गई थी। बाद में कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत हो गई थी। अब कोरोना के लक्षणों वाली नर्स को वेंटिलेटर यूनिट में ड्यूटी पर बुला लिया गया। इस बावत सीसीएम विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश अग्रवाल से बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
 
नर्स के सीधे संपर्क में आने वाले 3 रेजिडेंट डॉक्टर व 13 कर्मचारियों को क्वॉरंटीन किया गया है। डॉक्टर व कर्मचारियों के परिजनों को भी सूचना दे दी गई। उन्हें घर में ही रहने की सलाह दी गई है। विभाग को सील कर दिया गया है। विभाग में आने व जाने पर रोक लगा दी गई है। नए मरीजों की भर्ती बंद कर दी गई है। सभी की जांच कराई गई है। रिपोर्ट आने के बाद फैसला होगा। नर्स के संपर्क में आने वालों की सूची तैयार कराई जा रही है।
डॉ. संदीप तिवारी, प्रवक्ता, केजीएमयू

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