विकास दुबे केस : किसके कहने पर शिवम दुबे ने पुलिस के ऊपर चलाई थीं 30-35 राउंड गोलियां

शिवम दुबे उर्फ दलाल

विकास भइया के कहने पर अपने चचेरे भाई सतेंद्र दुबे की डबल बैरल बंदूक लेकर प्रभात की छत पर पहुंच गया था। मेरे साथ प्रभात मिश्रा भी असलहा लिए छत पर खड़ा था। विकास के पुराने घर की छत से लेकर आसपास की सभी छतों पर असलहाधारी मौजूद थे। पुलिस की दबिश पड़ते ही विकास के कहने पर सभी ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। मैंने भी मुठभेड़ में मारे गए प्रभात उर्फ कार्तिकेय के साथ 30-35 राउंड गोलियां पुलिस पर दागी थीं। यह बात गिरफ्तार शिवम दुबे उर्फ दलाल ने पूछताछ में पुलिस को बताई।

एसटीएफ की टीम ने बिकरू कांड के आरोपित 25 हजार के इनामी 23 वर्षीय शिवम उर्फ दलाल को चौबेपुर से गिरफ्तार किया था। थाने में देर रात तक पुलिस अफसरों ने पूछताछ की थी। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि शिवम अपने रिश्तेदार विकास दुबे के कहने पर चचेरे भाई की बंदूक लेकर पहुंचा था। उसे प्रभात की छत से पुलिस पर हमला करने की जिम्मेदारी दी गई थी। दबिश पड़ते ही ताबड़तोड़ फायरिंग करके पुलिस कर्मियों को छलनी कर दिया। उसने बताया कि अंधेरे की वजह से उसे खुद याद नहीं कितने पुलिसकर्मी उसकी गोली से ढेर हुए हैं। सिर्फ पुलिस की खाकी वर्दी देखकर छत से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसके बाद विकास के घर के पीछे वाले रास्ते से शिवली होते हुए फरार हो गया था। विकास के गुर्गों ने कुल 50-60 राउंड गोलियां चलाकर जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने की बात कही।

चौबेपुर पुलिस ने शिवम को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शिवम से घटनाक्रम के साथ ही फरार आरोपितों की अहम जानकारी मिली है। टीमें लगातार फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं।

पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे व उसके सहयोगियों की संपत्ति की तलाश निबंधन विभाग ने भी शुरू कर दी है। जिले के सभी छह सबरजिस्ट्रार ने अपने-अपने रिकॉर्ड को खंगालना शुरू कर दिया है। एसआईटी ने तीनों प्राधिकरण के सीईओ को पत्र भेजकर विकास दुबे, इसके परिवारिक सदस्य व सहयोगियों के नाम देकर उनकी संपत्ति की जानकारी मांगी है। इसी तरह निबंधन विभाग से भी विकास दुबे व उसके सहयोगियों की संपत्ति की जानकारी मांगी गई है। निबंधन विभाग के एआईजी एस के त्रिपाठी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से पत्र मिलते ही जिले के सभी 6 सबरजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जानकारी देने का आदेश दिया गया है। विभाग के अधिकारियों ने बीते सालों में हुई संपत्ति की रजिस्ट्री का डाटा खंगालना शुरू कर दिया है। अगर संबंधित लोगों की जिले में संपत्ति होने की जानकारी सामने आती है तो शासन को अगवत करा दिया जाएगा। 

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