दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड में आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने गुरुवार को ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) के दौरान IB अफसर अंकित शर्मा की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल की गई 650 पन्नों की चार्जशीट में अंकित शर्मा की हत्या के लिए ताहिर हुसैन सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया है। क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में दावा किया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या और दंगों के पीछे एक गहरी साजिश थी, क्योंकि निलंबित AAP पार्षद ताहिर हुसैन की अगुवाई वाली भीड़ ने उन्हें विशेष रूप से निशाना बनाया था।
पुलिस ने कहा कि अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद भीड़ ने उनके शव को पास के नाले में फेंक दिया था जिसे अगले दिन बाहर निकाला गया था। हिंसा के दौरान एक छत पर खड़े एक गवाह ने अपने मोबाइल फोन पर एक वीडियो कैप्चर किया था, जिसमें व्यक्तियों के एक समूह को मृतकों को नाले में फेंकते हुए दिखाया गया है। पोस्टमार्टम के दौरान, डॉक्टरों ने अंकित शर्मा के शरीर पर 51 तेजधार हथियार से घाव के निशान पाए थे।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।