सरकार ने गैर कानूनी समूह ”सिख फॉर जस्टिस” से संबंधित 40 वेबसाइटों को प्रतिबंधित कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार (5 जुलाई) को यह जानकारी दी। अमेरिका का ‘सिख फॉर जस्टिस’ समूह दरअसल खालिस्तान का समर्थन करता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “यूएपीए 1967 के अंतर्गत ‘सिख फॉर जस्टिस’ एक गैरकानूनी संगठन है, जिसने अपने फायदे के लिए समर्थकों को जुटाने के मकसद से एक अभियान शुरू किया था। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 69 के अधीन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से जुड़े 40 वेसबाइटों को प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया है।”
देश में साइबर मामलों पर नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय नोडल अथॉरिटी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पिछले साल गृह मंत्रालय ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ को कथित तौर पर देशविरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। अपने अलगाववादी एजेंडे के लिए ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने सिख जनमत-संग्रह 2020 को शुरू किया था।
इससे पहले खालिस्तान समर्थक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के सदस्य गुरपतवंत सिंह पन्नू एवं उसके साथियों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने बृहस्पतिवार (2 जुलाई) को देशद्रोह एवं अलगाववाद के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। यह मामले अमृतसर एवं कपूरथला में दर्ज किए गए हैं।
पन्नू उन नौ लोगों में शमिल है जिन्हें केंद्र सरकार ने बुधवार को गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने पन्नू को सक्रिय रूप से भारत के खिलाफ अलगाववाद का अभियान चलाने और सिख युवकों को आतंकवाद में शामिल होने के लिए उकसाने के आरोपों के चलते आतंकवादी घोषित किया है।