आठ लाख रुपये में बेचा जाता है एक बच्चा-महिलाओं से लेते हैं किराए की काेख

एक माह के तीन नवजात बच्चों को नेपाल बेचने जा रही दो महिलाओं सहित पांच लोगों को आगरा पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज किया है। वहीं बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया गया। एसएसपी ने बताया कि आरोपी एक बच्चे का आठ लाख रुपये में सौदा करते थे। मुकदमे की विवेचना में कई लोग फंसेंगे। बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र जारी करने वाले दो हॉस्पिटलों के नाम भी पता चल गए हैं। दोनों फरीदाबाद के हैं।

शुक्रवार को पुलिस ने फतेहाबाद टोल प्लाजा पर दो गाड़ियों को पकड़ा था। गाड़ियों में दो चालक, दो महिलाएं, एक पुरुष और तीन नवजात बच्चे मिले थे। पुलिस को पहले खबर मिली थी कि मामला मानव तस्करी से जुड़ा है। पूछताछ में पता चला था कि गैंग निसंतान दंपति को बच्चे बेचता था। पहले ऐसी महिलाओं को जाल में फंसाते थे जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। अपने पति से अलग रहती हैं। उसके बाद उन्हें किराए पर कोख (सेरोगेसी) देने के लिए तैयार करते थे। ये बच्चे भी ऐसे ही पैदा हुए थे। डिलीवरी के बाद बच्चों को नेपाल में एक महिला के सुपुर्द किया जाना था। उस महिला का नाम अस्मिता है। वह नेपाल में हॉस्पिटल चलाती है। नेपाल में लड़कियों की मांग अधिक है।

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि पूछताछ में चालकों ने अपने नाम अमित (बदरपुर, दिल्ली), राहुल (हर्ष विहार, पूर्वोत्तर दिल्ली) बताए। उनके साथ गाड़ी में धीरज नगर सेक्टर 31 फरीदाबाद निवासी प्रदीप, रूबी व नीलम सवार थे। तलाशी में आरोपियों से पास से देवी हॉस्पिटल व गेटवैल हॉस्पिटल, सेक्टर 19 फरीदाबाद (हरियाणा) के कागजात मिले। ये कागजात नवजात बच्चों के जन्म से संबंधित हैं। बच्चों का जन्म वहां हुआ या फर्जी कागजात तैयार कराए गए इसकी भी जांच होगी। 

पूछताछ में आरोपी रूबी ने बताया कि कि नीलम गैंग की सरगना है। वही लोगों को एजेंट बनाती है। ऐसी महिलाओं को अपने जाल में फंसाती है जिनकी आर्थिक स्थिति खराब है। वे अपने पतियों से अलग रहती हैं। नीलम ऐसी महिलाओं को गर्भधारण करके पैसा कमाने का लालच देती है। महिलाएं भी इसके लिए तैयार हो जाती हैं। एक डॉक्टर के माध्यम से महिला को गर्भधारण कराया जाता है। शुक्राणु उस पुरुष के लिए जाते हैं जो बच्चे की मांग करते हैं। शादी के बाद उसकी पत्नी के कोई बच्चा नहीं हो रहा होता है। 

पुलिस के मुताबिक तीन नवजात बच्चों में दो जुड़वा लड़कियां हैं। इन बच्चियों को बिहार की एक महिला ने जन्म दिया था। महिला फरीदाबाद में रहती है। उसे तीन किश्तों में साढ़े तीन लाख रुपये मिले थे। एक बच्चा आठ लाख रुपये में बिकता है। पूरा खर्चा काटने के बाद नीलम को लगभग तीन लाख रुपये बच जाते हैं। गर्भधारण से लेकर महिला की देखभाल करना और उसकी डिलीवरी कराने की जिम्मेदारी नीलम की रहती है। वह महिला को गर्भधारण करते ही पहली किश्त देती है। दूसरी किश्त डिलीवरी से सात दिन पहले और तीसरी किश्त बच्चा सुपुर्द करते समय देती है।
एसएसपी ने बताया कि एसपी देहात पूर्वी प्रमोद कुमार और सीओ फतेहाबाद प्रभात कुमार ने देर रात तक इस संबंध में आरोपियों से पूछताछ की। उसके बाद ही तय हुआ कि मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पांचों आरोपियों को जेल भेजा गया है। वहीं बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया था। बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी कौन निभाएगा यह समिति तय करेगी। पुलिस की विवेचना अभी जारी है। एक टीम फरीदाबाद जाएगी। 

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