इसे संवेदनहीनता कहें या कोरोना का भय पर यह मानवता को शर्मसार करने वाली है। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक अधेड़ अनवर अली की मौत हो गई। तहसील गेट पर गश खाकर गिरे अनवर की मौके पर ही मौत हो गई। हद तो तब हो गई जब दो घंटे तक उसका शव वहीं पड़ा रहा। बाद में लोगों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद नगर पालिका कर्मियों ने अनवर के शव को कूड़ा फेंकने वाली गाड़ी पर लादकर थाने पहुंचा दिया। बाद में पंचनामा कर उसका शव परिजनों को दे दिया गया।
सहजौरा निवासी अनवर अपने निजी काम से उतरौला आया था। अपना काम खत्म कर वह किसी जानकार से मिलने तहसील पहुंचा। दिन में लगभग ढाई बजे तहसील गेट पर वह अचानक गश खकर गिर पड़ा और तत्काल उसकी मौत हो गई। मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया जा रहा है। उसका शव दो घंटे तक वहीं पड़ा रहा। बाद में पुलिस की मौजूदगी में नगर पालिका कर्मियों ने अधेड़ के शव को कूड़ा फेंकने की गाड़ी पर लादकर कोतवाली तक पहुंचाया।
खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने एक उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही नगरपालिका के चार संविदाकर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है। बताया जाता है कि जब अनवर तहसील गेट पर चकराकर गिरा तो वहां लोगों की काफी भीड़ जमा हो गई। लेकिन किसी ने उनकी कोई मदद नहीं की। बाद में कुछ लोगों ने अधेड़ के बेहोश पड़े होने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी।
शाम करीब पांच बजे नगर पालिका की कूड़ा ढोने वाली गाड़ी तहसील गेट पहुंची। वहां एक उपनिरीक्षक व दो आरक्षी मौजूद थे। गाड़ी के साथ चार नगर पालिका कर्मी भी आए थे। पुलिस की मौजूदगी में नपाप कर्मियों ने शव को गाड़ी पर लाद लिया और थाने चले गए। सोशल मीडिया पर खबर के वायरल होने के बाद देर रात जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश व पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने वीडियो का संज्ञान लिया।
डीएम-एसपी ने बताया कि पुलिस व नगर पालिका कर्मियों की संवेदनहीनता सामने आई है। मौके पर मौजूद उतरौला कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक रविन्द्र कुमार, रमन आरक्षी शुभम पटेल और एक अन्य को निलंबित कर दिया गया। नगर पालिका के चार संविदाकर्मियों को भी इस मामले में बर्खास्त कर दिया गया।
सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह ने बताया कि अनवर में कोरोना के लक्षण नहीं थे न ही उसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री थी इसलिए कोरोना का सैंपल नहीं लिया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया।