पाकिस्तान द्वारा राजनयिक के उत्पीड़न पर,भारत ने किया विरोध

भारत में जासूसी के आरोप में पकड़े गए पाकिस्तान उच्चायोग के दो अफसरों पर कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। पोल खुलने से खिसियाई पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया के उत्पीड़न पर उतर आई है। भारत ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और पाकिस्तान से जांच की मांग की है।

गुरुवार (4 जून) को इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया। भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक स्तर पर यह मामला उठाया है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के सामने भारतीय राजनयिक को परेशान करने और उनकी सामान्य ड्यूटी में बाधा उत्पन्न करने की शिकायत दर्ज कराई गई है।

जानकारी के मुताबिक, 31 मई को आईएसआई के लोगों ने बाइक से उप उच्चायुक्त अहलूवालिया का पीछा किया।आईएसआई एजेंट ने घर जाते वक्त अहलूवालिया की कार का पीछा किया। अहलूवालिया के घर के बाहर भी खुफिया एजेंसी के कई एजेंट कार और बाइकों पर नजर आए।

पिछले कुछ समय से पाकिस्तान में लगातार भारतीय उच्चायोग के सदस्यों को परेशान करने की कोशिश की जा रही है। भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने की मांग की है।

मार्च में पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग की तरफ से सख्त नोट इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय को भेजते हुए पाकिस्तानी एजेंसियों की तरफ से जारी स्टाफ के उत्पीड़न को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था।

नोट के मुताबिक, भारत ने मार्च महीने में ही उत्पीड़न की 13 घटनाओं के बारे में बताया और पाकिस्तान से कहा कि इस तरह की घटनाएं बंद हो और मामले की जांच की जाए। भारत ने पाकिस्तान के अथॉरिटीज से कहा था कि वे फौरन इन मामलों की जांच करे और संबंधित एजेंसियों को यह निर्देश दे कि दोबारा ऐसी घटनाएं न हों।

इसमें आगे कहा गया कि ऐसी उत्पीड़न की घटनाएं स्पष्ट तौर पर विएना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमेटिक रिलेशंस ऑफ 1961 का उल्लंघन है और भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों, स्टाफ सदस्य और उनके परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार की है।गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने जासूसी के आरोप में पाकिस्तान उच्चायोग के 2 अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ा था। इसके बाद सरकार ने उच्चायोग के दोनों अधिकारियों को जासूसी के आरोप में ”निषिद्ध” घोषित करते हुए 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिये कहा था।  दिल्ली पुलिस ने अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को एक भारतीय नागरिक से पैसे के बदले भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज लेते वक्त पकड़ा था।

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