दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन सहित 27 लोगों के खिलाफ मंगलवार को अदालत में दो चार्जशीट दाखिल की हैं। पुलिस ने चार्जशीट ताहिर को दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंड बताया है। दोनों चार्जशीट में पुलिस ने जेएनयू में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर खालिद के नाम का जिक्र किया है। हालांकि, अभी खालिद को आरोपी नहीं बनाया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की हैं। दूसरी चार्जशीट में पुलिस ने पिंजरा तोड़ संगठन की नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को भी आरोपी बनाया है।
कड़कड़डूमा स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस टीम ने चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए अगलली सुनवाई 16 जून तय कर दी। पुलिस की ओर से 1030 पेज की चार्जशीट में 75 गवाहों की लिस्ट भी अदालत को सौंपी गई। चार्जशीट में पुलिस ने ताहिर व अन्य को आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने ताहिर पर उमर खालिद से मिलने और हिंसा की रूपरेखा तैयार करने का आरोप लगाया है।
चांदबाग हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने ताहिर हुसैन, उनके भाई शाह आलम सहित 15 लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित विभिन्न आरोपों में अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है। क्राइम ब्रांच ने कहा है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि ताहिर हुसैन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा फैलाने की गहरी साजिश रच रहा है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि ताहिर ने चांदबाग में हिंसा की शुरुआत की और भीड़ उनके घर की छत पर जमा हुई, जहां से पत्थर और पेट्रोल बम चलाए गए।
चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन पर हिंसा फैलाने के लिए 1.10 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया है। क्राइम ब्रांच ने कहा कि पहले इस पैसों को फर्जी कंपनियों में भेजा गया और फिर उसी पैसे को रोटेट करके नकद प्राप्त किया, जिससे हिंसा की तैयारी शुरू की गई। पुलिस के अनुसार, इसी पैसे ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों को भी वित्तीय मदद की गई। चार्जशीट में कहा गया है कि ताहिर का घर बड़ा होने के कारण इसका इस्तेमाल किया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को निशाना बनाया जा सके। हिंसा से पहले सीसीटीवी को बंद कर दिया गया था।
चार्जशीट के अनुसार 8 जनवरी को ताहिर हुसैन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के खालिद सैफी और उमर खालिद से शाहीन बाग में मिला। ताहिर ने स्वीकार किया है कि उमर खालिद ने उसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान कुछ बड़े/हिंसा के लिए तैयार रहने को कहा था। चार्जशीट के अनुसार उमर खालिद और पीएफआई सदस्यों ने इसके लिए आर्थिक मदद का भरोसा दिया था। पुलिस अदालत में यह नहीं बता पाई कि ताहिर की छत पर जो पेट्रोल बम मिले वह कहां से लाए गए। सूत्रों ने कहा कि पुलिस पेट्रोल बम का स्रोत बताने में विफल रही है। पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि ताहिर के साथी गुलफाम ने 31 जनवरी को 100 गोलियां खरीदी थीं, लेकिन पुलिस को सात ही बरामद हुईं। साथ ही कहा कि ताहिर के पास से 22 खाली कारतूस और 64 जिंदा कारतूस बरामद हुए।
पुलिस ने अदालत को बताया कि ताहिर का पिस्टल जब्त कर लिया गया है। आरोप पत्र में पुलिस ने कहा है कि हिंसा से ठीक पहले हुसैन ने खजूरीखास थाना से अपना लाइसेंसी पिस्टल जारी करवाया था। ताहिर हुसैन के अधिवक्ता जावेद अली ने पुलिस जांच पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की। पुलिस ने उनके मुवक्किल को फंसाया है। हुसैन के घर से रिकवरी की बात है तो पुलिस ने 25 फरवरी के बाद किया, जबकि 25 फरवरी को केस दर्ज किया था और 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 लोग घायल हुए थे। दिल्ली हिंसा के दौरान 700 से अधिक मुकदमे दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने दर्ज किए हैं। 1300 लोगों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। 700 लोगों को पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किया।
जाफराबाद मेट्रो स्टेशन से जुड़े मामले में पुलिस ने गैर सरकारी संगठन ‘पिंजरा तोड़’ और इसकी सदस्य नताशा नरवाल व देव्यांगना कलिता सहित 12 लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में कहा गया है कि नताशा और देवांगना ने महिलाओं को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के नाम पर भड़काया। दिल्ली पुलिस ने नताशा के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। जांच में से पता चला कि नताशा, देवांगना व अन्य हिंसा की गहरी साजिश में शामिल रहे हैं। आरोपियों पर सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। नताशा और देवांगना पर जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और पीएफआई जैसे संगठन से लगातार बैठक करने का आरोप लगाया गया है।