पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों के बीच वार्ता मंगलवार को बेनतीजा रही। सूत्रों के मुताबिक अगली बैठक छह जून को होगी। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी सूत्रों ने बताया कि मेजर जनरल रैंक अफसरों के बीच डिवीजन कमांडर स्तरीय वार्ता मंगलवार दोपहर को हुई लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका।
वार्ता शुरू होने से पहले उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी भी जमीनी हालात की समीक्षा के लिए लद्दाख पहुंच गए थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में कोई खास सफलता नहीं मिली, इस वजह से दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच एक और वार्ता छह जून को होगी। भारतीय सेना प्रमुख एम एम नरवाणे को उम्मीद है कि गतिरोध का समाधान सैन्य स्तरीय वार्ता में निकल आएगा। इससे पहले भी भारत व चीन की सेना के प्रतिनिधियों के बीच कई दौर कीा वार्ता हो चुकी है लेकिन किसी में कोई नतीजा नहीं निकला। इस बीच, चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारी संख्या में सैनिक भेजे हैं। इसे देखते हुए भारत ने भी सैनिकों की संख्या बढ़ाई है।
पांच मई के बाद से दोनों देशों के सैनिक एलएसी पर चार जगहों पर एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। दोनों पक्षों ने इन जगहों पर करीब एक हजार सैनिक तैनात किए। बाद में अतिरिक्त कुमुक भी भेजी गई। ताजा विवाद भारत द्वारा पूर्वी लद्दाख के पांगगोंग त्सो (झील) इलाके में एक खास सड़क और गलवान घाटी में डारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी सड़क को जोड़ने वाली एक सड़क को बनाने के प्रति चीन के विरोध से पैदा हुआ है।