IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थितिII
Alok Vajpeyee (Astrologer),
रत्नसानु शरासनं रजताद्रि शृङ्ग निकेतनं
शिञ्जिनीकृत पन्नगेश्वर मच्युतानल सायकम् |
क्षिप्रदग्द पुरत्रयं त्रिदशालयै रभिवन्दितं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ‖
अर्थ – ऐसे भगवान जिन्होंने बहुमूल्य पत्थरों से भरे पर्वत (मेरु पर्वत) को अपना धनुष , जो स्वयं चांदी के पर्वत पर निवास करते है, जिन्होंने नागों के राजा (वासुकी) को अपने धनुष की प्रत्यंचा बनाया था, जिन्होंने भगवान विष्णु को तीर के रूप में इस्तेमाल किया था, जिन्हें तीनो लोकों में सभी प्रणाम करे| मै उन भगवान चंद्रशेखर की शरण लेता हूँ तो यम मेरा क्या कर सकते है?
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थितिII
श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें
विक्रम संवत 2081
संवत्सर नाम -: कालयुक्त
संवत्सर राजा-: मंगल
संवत्सर मंत्री-: शनि
सूर्य उत्तरायण, ऋतु-: वसंत
सूर्य उदय : प्रातः 6/49
सूर्य अस्त : सायं 6/18
फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 3/3/2025
दिन-: सोमवार
चंद्रमा-: मेष राशि में
राशि स्वामी-: मंगल
आज का नक्षत्र-: अश्विनी
नक्षत्र स्वामी – : केतु
️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश:
प्रात: 6/39 से अश्विनी नक्षत्र चरण 1 में
दोपहर 12/07 से अश्विनी नक्षत्र चरण 2 में
सायं 5/34 से अश्विनी नक्षत्र चरण 3 में
रात्रि 11/02 से अश्विनी नक्षत्र चरण 4 में
योग -: शुक्ल प्रात: 8/33 बजे तक(शुक्ल योग एक शुभ योग है. इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है और मंत्र भी सिद्ध होते हैं )
प्रात: 8/33 के बाद ब्रम्ह योग ( यदि कोई शांतिदायक कार्य करना हो अथवा किसी का झगड़ा आदि सुलझाना हो तो यह योग अति लाभदायक है। इस योग में ऐसी कोशिशें करने पर सफलता अवश्य ही मिलेगी।)
गन्डमूल कल प्रात: 4/30 तक, भद्रा प्रात: 7/33 से सायं 6/03 तक
शुभ दिशा-: पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पश्चिम
दिशा शूल -: पूर्व दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर दर्पण देखकर या दूध पीकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
सूर्य -: कुंभ राशि शतभिषा नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी राहु)
मंगल -: मिथुन राशि पुनर्वसु नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
बुद्ध -: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
गुरु -: वृष राशि रोहिणी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी चंद्र)
शुक्र -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि) प्रात: 6/06 बजे से वक्री
शनि (अस्त) -: कुंभ राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
राहु-: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
केतु-: कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी सूर्य)
राहु काल -: प्रात: 8/11 से 9/39 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
प्रात: 7/21 तक कुम्भ
8/45 तक मीन
10/21 तक मेष
दोपहर 12/16 तक वृष
2/30 तक मिथुन
सायं 4/50 तक कर्क
7/08 तक सिंह
रात्रि 9/23 तक कन्या
11/42 तक तुला
2/01 तक वृश्चिक
सूर्योदय पूर्व 4/05 तक धनु
5/49 तक मकर
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जय जय श्री राधे