कोरोना संकट में प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए 52 फार्मस प्रोड्यूसर कम्पनी (एफपीसी) के माध्यम से प्रदेश सरकार उनके खेतों से गेहूं खरीद रही है।किसानों को राहत देने की यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार की गई है। इसी क्रम में योगी सरकार ने किसानों से गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की है। इसके तहत किसान अपनी सुविधानुसार तारीख और समय का टोकन प्राप्त कर रहे हैं और ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है।
प्रदेश सरकार किसानों से अब तक कुल 289.79 लाख क्विंटल गेहूं खरीद चुकी है। जिसमें से 2613 किसानों से 180745.5979 क्विंटल गेहूं की खरीद एफपीसी के माध्यम से की गई है। यही नहीं किसानों की सुविधा के लिए इन एफपीसी ने प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में 134 सेंटर भी स्थापित किए हैं। दो से तीन गांवों के 100 लेकर 1000 प्रगतिशील किसानों को जोड़कर एक कम्पनी बनाई जाती है, जिसे फॉर्मस प्रोड्यूसर कम्पनी कहते हैं। स्थानीय स्तर पर इनकी पहुंच होने के कारण प्रदेश सरकार इन कम्पनियों के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीद रही है। इससे किसानों को मण्डियों में नहीं जाना पड़ रहा है और खेत से ही उनकी फसल बिक जा रही है। किसानों से प्रतिदिन 6 से 7 लाख क्विंटल गेहूं खरीदा जा रहा है। प्रदेश सरकार अब तक 4 लाख 18 हजार 155 किसानों से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदी कर चुकी है। अब तक किसानों का 3594 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने किसानों से सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचने की अपील की है।