लोहा जितना तपता है उतनी ही ताकत भरता है

लोहा जितना तपता है
उतनी ही ताकत भरता है

सोने को जितनी आग लगे
उतना ही प्रखर निखरता है

सूरज जैसा बनना है तो
सूरज जैसा जलना होगा

नदियों सा आदर पाना है तो
पर्वत छोड़ निकलना होगा

और हम आदम के बेटे है
क्यों सोचें राह सरल होगा

हर संकट का हल होगा
आज नहीं तो कल होगा…GM💐

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