उत्तर भारत में भीषण गर्मी से परेशान चल रहे लोगों को गुरुवार को हुई बारिश से कुछ राहत मिली है। वहीं भारतीय मौसम विभाग के उप महानिदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि अभी दिल्ली-NCR और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में वर्षा की संभावना बनी हुई है और 40-50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 दिनों तक तापमान 40 डिग्री के नीचे रहने वाला है और 24 घंटों के बाद पूरे भारत से हीट वेव खत्म हो जाएगी। वहीं मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, अंडमान सागर और अंडमान के शेष हिस्सों में अगले 48 घंटे के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
31 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्वी अरब सागर से सटे इलाके में कम दबाव बनने के अनुमान से एक जून 2020 के आसपास केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने के आसार हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि निचले स्तर पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ और पुरवैया हवाएं चलने के कारण मौसम में बदलाव हुआ। 29-30 मई को दिल्ली-एनसीआर में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ धूल भरी आंधी और गरज के साथ तूफान आने की आशंका है।
विज्ञान विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनने की वजह से दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में एक जून को दस्तक दे सकता है। विभाग ने 15 मई को जारी अपने पूर्वानुमान में कहा था कि मानसून पांच जून को दक्षिणी राज्य में आ सकता है। यह मानसून की सामान्य तिथि से चार दिन बाद की तारीख है। केरल में आमतौर पर एक जून को मानसून दस्तक दे देता है। बहरहाल, बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनने के कारण मानसून की प्रगति में मदद मिलने की संभावना है।
विभाग ने कहा कि दक्षिण पूर्व और सटे हुए पूर्व मध्य अरब सागर में 31 मई से चार जून के दौरान कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। यह स्थिति केरल में एक जून को मानसून लाने के लिए अनुकूल है। कम दबाव का क्षेत्र किसी भी चक्रवात का पहला चरण है। यह जरूरी नहीं है कि हर कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात का रूप ले ले। मौसम विभाग के मुताबिक, देश में इस साल सामान्य बारिश होने की संभावना है।
विभाग ने कहा कि पश्चिम-मध्य अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अगले 48 घंटे के दौरान दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। उसने बताया कि इसके अगले तीन दिनों में उत्तर पश्चिम में दक्षिण-ओमान और पूर्वी यमन के तट की ओर बढ़ने की प्रबल संभावना है। मौसम की इस स्थिति के तहत, 28 से 31 मई के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। साथ में 30-31 मई को केरल और लक्षद्वीप में भी भारी बारिश हो सकती है।