अमेरिका में कोरोना से अब तक 1 लाख से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार दुनिया में ये आंकड़ा सबसे अधिक है। हालांकि, इससे बेपरवाह देश के सभी 50 प्रांतों ने लॉकडाउन में छूट का ऐलान कर दिया है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर टीका न बना और संक्रमण ऐसे ही बढ़ता रहा तो देश में 50 से 60 लाख महामारी की चपेट में आएंगे। वहीं मौतों का आंकड़ा 2024 तक 14 लाख तक पहुंच सकता है।
अमेरिका में सबसे ज्यादा तबाही न्यूयॉर्क में देखने को मिली है, जहां देश के कुल 22 फीसदी मामले हैं, लेकिन करीब 30 हजार मौतें हुई हैं। न्यूयॉर्क में ही संयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर की दिग्गज कंपनियों व देशों के दूतावास हैं। न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, कैलीफोर्निया और इलिनोयस और मैसाच्युसेट्स को मिलाकर पांच राज्यों में ही 55 हजार लोगों ने दम तोड़ा है। दो माह के कठोर लॉकडाउन के बावजूद अमेरिका में मौतें एक लाख तक पहुंच गई हैं। इससे पहले 1957 में फ्लू से एक लाख 16 हजार और 1968 में एक लाख लोग मारे गए थे। लेकिन यह आंकड़ा भी जल्द पार हो जाने की आशंका है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान छह लाख 75 हजार अमेरिकियों ने फ्लू के कारण जान गंवाई थी। वहीं, मौतों और संक्रमण के बढ़ते मामलों से बेपरवाह अमेरिकी सोमवार को समुद्र तटों पर धूप सेंकते, नावों से मछली पकड़ते और तैराकी करते नजर आए। फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क और अन्य तटीय इलाकों में हजारों लोग बीच पर उमड़े। पूल औऱ क्लब में भी पार्टी करते लोगों के वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। अमेरिका द्वारा लड़े गए युद्ध में मारे गए सैनिकों की याद में मनाए जाने वाले मेमोरियल डे पर भी लोग सड़कों पर उमड़ पड़े।