ब्यूरो, नयी दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट ने NIA को लगायी फटकार.
सुप्रीम कोर्ट ने NIA को लगायी फटकार. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल में 4 साल की देरी के लिए NIA को फटकार लगाते हुए कहा, ‘न्याय का मजाक न उड़ाएं’.
चार साल से जेल में बंद आरोपी को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे में देरी के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को कड़ी फटकार लगाई. यह मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA Act) के तहत दर्ज किया गया था. कोर्ट ने बिना किसी लाग-लपेट के अभियोजन एजेंसी से कहा कि वह ‘न्याय का मजाक न उड़ाएं’ और कहा कि भले ही आरोपी पर गंभीर अपराध करने का आरोप है, लेकिन उसे त्वरित सुनवाई का अधिकार है.
जस्टिस पारदीवाला ने कहा, ‘न्याय का मजाक न उड़ाएं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी अभियोजन एजेंसी (NIA) है. आप राज्य हैं; आप NIA हैं. उसे (आरोपी को) त्वरित सुनवाई का अधिकार है, चाहे उसने कोई भी अपराध किया हो. उसने गंभीर अपराध किया हो, लेकिन मुकदमा शुरू करना आपका दायित्व है. वह पिछले चार साल से जेल में है. अभी तक आरोप तय नहीं किए गए हैं.”
अदालत ने आदेश दिया कि चाहे कोई भी गंभीर अपराध हो, आरोपी को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत त्वरित सुनवाई का अधिकार है। इसे देखते हुए अदालत ने उन्हें जमानत दे दी और पूर्व शर्त के रूप में उनसे कहा कि वे बॉम्बे न छोड़ें और 15 दिनों में NIA के बॉम्बे कार्यालय में उपस्थित हों…