आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,
फार्मेसी में फर्स्ट क्लास पास करने वाले छात्र दोबारा मूल्यांकन में हुए फेल
शिक्षकों पर धन उगाही कर गीत,संगीत व धार्मिक नारा लिखी उत्तर पुस्तिका पर अत्यधिक अंक देने का था आरोप
मामला पूर्वांचल विश्वविद्यालय का,छात्र नेताओं ने पीएम,सीएम,राज्यपाल व कुलपति को पत्र भेजकर किया कार्यवाही की किया था मांग
परीक्षा समिति की बैठक में लिया गया निर्णय, एक कालेज तीन साल के लिए डिबार
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग की काफी संख्या में फर्स्ट क्लास नंबर प्राप्त करने वाले छात्र शिकायत के बाद दोबारा मूल्यांकन कराए जाने पर फेल हो जाने का मामला प्रकाश में आया था।आरोप था कि छात्रों से धनउगाही कर गीत संगीत व धार्मिक नारे लिखी उत्तर पुस्तिका पर परीक्षकों ने अत्यधिक अंक दिए थे। छात्र नेताओं ने मामले की शिकायत पीएम , सीएम राज्यपाल व कुलपति से कर कार्रवाई की मांग किया था।बुधवार को परीक्षा समिति की बैठक में दोनों परीक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के कुछ शिक्षकों का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया था।छात्र नेता दिव्यांशु सिंह ने पीएम, सीएम,राज्यपाल व कुलपति को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से शून्य अंक पाने वाले छात्रों को भी 60 फ़ीसदी से अधिक अंक देकर उन्हें पास कर दिया गया है।शिकायत के बाद दोबारा मूल्यांकन कराया गया तो छात्रों को दिए गए अंक में बड़े पैमाने पर भिन्नता पाई गई है।छात्र नेता उद्देश्य सिंह के द्वारा छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिका जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई है।जिसमें जय श्री राम और हनुमान जी के जयकारे लिखे हुए हैं।और उसे पर भी बढ़िया अंक प्रदान किए गए हैं।शिकायतकर्ता दिव्यांशु सिंह का आरोप था कि फार्मेसी संस्थान के कुछ शिक्षकों द्वारा रिश्वत लेकर छात्रों को अंक प्रदान किए गए थे। जो उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन कराए जाने पर सामने आ चुका है।राजभवन द्वारा विश्वविद्यालय की कुलपति को पत्र लिखकर प्रकरण में परीक्षणोंपरांत कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था।शिकायत कर्ताओं का आरोप था कि बिना आदेश के सत्र 2021- 22 के डी – फार्मा छात्रों को कई बार मानक के विपरीत बैक व स्पेशल बैक की परीक्षा करा दी गई।जबकि परीक्षा नियंत्रक की टिप्पणी में है कि डी – फार्मा में बैक परीक्षा आयोजित कराने का प्रावधान नहीं है।
उक्त प्रकरण को लेकर बुधवार को विश्वविद्यालय परीक्षा समिति की बैठक कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में कांफ्रेंस हाल में ऑनलाइन व ऑफलाइन हुई।जिसमें विश्वविद्यालय परिसर स्थित फार्मेसी संस्थान के संविदा शिक्षक डॉ.विनय वर्मा व डॉ.आशीष गुप्ता को बर्खास्त कर दिया गया।समिति ने त्रिलोचन महादेव स्थित आरडीएस महाविद्यालय को तीन साल के लिए डिबार कर दिया गया है।आरोप था कि प्रायोगिक के लिए नामित परीक्षक से प्रेक्टिकल न कराकर दूसरे से कराकर जमा कर अंक जमा कर दिया गया था।शिकायत मिलने पर दूसरे परीक्षक से कुटीर पीजी कालेज पर परीक्षा कराकर छात्रों का रिजल्ट घोषित किया गया था।परिसर में अध्यनरत एमटेक की छात्रा ने दूसरे विषय का लघु शोध तैयार कर लिया था।जिस वजह से उसका रिजल्ट कंप्लीट नहीं था और समय अवधि बीत गई थी।जिसे समिति ने दोबारा से परीक्षा देने का मौका दिया है।छात्र हित संबंधी एक और मुद्दे पर समिति ने राहत प्रदान की है।इस मौके पर शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ.राहुल सिंह,महामंत्री शैलेंद्र सिंह, डॉ.राजेश कुमार सिंह, डॉ.श्रीश सिंह, डॉ.अजय द्विवेदी,कुलसचिव महेंद्र कुमार,परीक्षा नियंत्रक अजीत प्रताप सिंह,वित्त अधिकारी संजय कुमार राय आदि उपस्थित रहे।