बाबा साहब ने शिक्षा का महत्व बताया और भेदभाव खत्म किया : कृपाशंकर सिंह

आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,

बाबा साहब ने शिक्षा का महत्व बताया और भेदभाव खत्म किया : कृपाशंकर सिंह

जौनपुर: भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के नेतृत्व मे भाजपाइयो ने अम्बेडकर तिराहा पर स्थित अम्बेडकर मूर्ति पर माल्यार्पण कर धूमधाम से जयंती मनाई।

माल्यार्पण कर उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा की बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म आज के ही दिन महाराष्ट्र के एक महार परिवार में हुआ इनका बचपन ऐसी सामाजिक, आर्थिक दशाओं में बीता जहां दलितों को निम्न स्थान प्राप्त था दलितों के बच्चे पाठशाला में बैठने के लिए स्वयं ही टाट-पट्टी लेकर जाते थे। अपनी शिक्षा पुरी करने के लिए वो मुंबई चले गये, वहां से उन्होंने बीए की शिक्षा पूरी की और फिर अपने आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका चले गये उसके बाद उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और इंग्लैंड से अपनी मास्टर्स और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1923 में भारत लौट आए।

 

भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह ने कहा कि उन्होने बॉम्बे के उच्च न्यायालयों में अपनी वकालत शुरू की उन्होंने सामाजिक कार्य करने के साथ-साथ लोगों को शिक्षा का महत्व भी समझाया उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने जातिवाद की इस बुराई से बहुत जोश और उत्साह से लड़ाई लड़ी इसके अलावा, निचली जाति के लोगों के प्रति अन्याय और भेदभाव के बारे में जागरूकता फैलाने में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी।

 

जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भारतीय इतिहास में सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक थे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे वह निश्चित रूप से भारत के संविधान के निर्माता थे उनकी प्रतिभा भारतीय संविधान को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में से एक बनाती है उनके जन्मदिन का जश्न अम्बेडकर जयंती के रूप में बड़े गौरव के साथ मनाया जाता है। इस महान भारतीय देशभक्त का नाम इतिहास के पन्नों और हर भारतीय के दिल में हमेशा जिंदा रहेगा।

 

नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मनोरमा मौर्य ने कहा कि भारतीय समाज को एक समाज सुधारक की सख्त जरूरत थी और बाबा साहेब ने उस भूमिका को तत्परता से निभाया उन्होंने जातिवाद की इस बुराई से बहुत जोश और उत्साह से लड़ाई लड़ी इसके अलावा, निचली जाति के लोगों के प्रति अन्याय और भेदभाव के बारे में जागरूकता फैलाने में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी।

 

उक्त अवसर पर रामसूरत मौर्य नागेश्वर पाण्डेय विनय सिंह जस्विन्दर सिंह नीरज सिंह आमोद सिंह भूपेंद्र सिंह विनय सिंह आशीष गुप्ता अनिल गुप्ता अमित श्रीवास्तव इंद्रसेन सिंह विष्णु प्रताप सिंह नन्दलाल यादव विपिन सिंह विवेक मौर्य कमलेश निषाद जगमेन्द्र निषाद अवनिंद्र यादव आदि उपस्थित रहे।

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