क्या स्वजातीय वोट ले पायेंगे बाबूसिंह कुशवाहा, भाजपा के मौर्य नेताओं में खलबली
नगरपालिका अध्यक्ष के पति रामसूरत ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्या हैं मौर्य समाज के एकमात्र नेता
जौनपुर। सपा-कांग्रेस के बैनर तले पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा जौनपुर सीट पर ताल ठोकने के समाजवादी पार्टी के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्री कुशवाहा को भाजपा की वोटो में सेधमारी करके साईकिल का परचम लहराने के लिए हरी झण्डी दिया है। बाबू सिंह कुशवाहा का टिकट फाइनल होने के बाद जिले की राजनीति गरमा गयी है। राजनीति के पण्डितों ने अपने अपने तर्को के अनुसार श्री कुशवाहा को भाजपा के वोट बैंक में सेधमारी करके साईकिल का परचम लहराने की बात कह रहा तो कोई बसपा शासन में हुए एनआरएचएम घोटाले में सपा प्रत्याशी का दामन दागदार होने की वजह से उनके जीत का रोड़ा मान रहे है। इतना ही नही इनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति होने का मामला भी चल रहा है।
फिलहाल कौन बाजी मारेगा इसका फैसला मतदाताओं को करना है।
जौनपुर सीट पर गठबंधन के प्रत्याशी बनाये गये बाबू सिंह कुशवाहा बांदा जपनद के परखौली गांव के निवासी है। उनका जन्म 7 मई 1966 में हुआ है। श्री कुशवाहा ने राजनीति की शुरूआत बहुजन समाज पार्टी से किया था वे वर्षो तक मायावती के सबसे करीबी माने जाते थे। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे तथा दो बार कैबिनेट मंत्री भी बने थे। बसपा सरकार में दूसरे नम्बर के शक्तिशाली व्यक्ति माने जाते रहे। बसपा शासन में परिवार कल्याण और खनन विभाग के मंत्री रहे है। एनआरएचएम घोटाले में मुख्य केन्द्र बिन्दु रहे तथा दो मुख्य चिकित्साधिकारियों का आरोप भी इनकी ही सरकार लगा ।
बसपा से नाता तोड़ने के बाद बाबू सिंह भाजपा शामिल हुए थे उन्होने भाजपा के बरिष्ठ नेता विनय कटियार, और सूर्यप्रताप शाही की मौजूदगी में सदस्यता ग्रहण किया था।
बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल होने के बाद भाजपा के शीर्ष नेताओं में असंतोष की आवाजे उठने लगी थी उसके बाद उन्होने तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र लिखकर सभी आरोपो से निर्दोश साबित होने तक अपनी सदस्यता से निलंबित करने का आनुरोध किया। उसके बाद कुशवाहा ने जन अधिकारी पार्टी का गठन करके अपनी खुद की पार्टी बनाया था।
माना जा रहा है कि इसी वजह से भाजपा ने विनय कटियार से किनारा कर लिया।