हाचक्रवात अम्फान का असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दिखने लगा है। तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। इसके साथ-साथ राहत और बचाव का कार्य भी निरंतर जारी है। एनडीआरएफ की 41 टीमों को तैनात किया गया है। इस बात की संभावना है कि यह महाचक्रवात बड़े पैमाने पर दोनों राज्यों में तबाही मचा सकता है।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा है कि तटों से लोगों को निकालने का काम जारी है। पश्चिम बंगाल से अभी तक पांच लाख और ओडिशा में 1,58,640 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है साथ ही उन्होंने कहा कि सभी टीमों के पास सेटेलाइट संचार सिस्टम है। हमारे पास अत्याधुनकि पेड़ कटाई और खंभों की कटाई के यंत्र भी हैं। दोनों राज्यों में 41 टीमों का प्लेसमेंट है। बंगाल में सिर्फ दो टीमें रिजर्व में रखी गई हैं, जिसमें से एक अभी कोलकाता में तैनात की जा रही है।
एसएन प्रधान ने बताया कि दो हमारे कमांडेंट्स हैं। ओडिशा और बंगाल में हमारी बटालियन हैं। ओडिशा वाले कंमाडेंट बालासोर में कैंप कर रहे हैं और बंगाल के कंमांडेंट काकद्वीप में कैंप कर रहे हैं। ओडिशा में 20 टीमें ग्राउंड पर तैनात कर दी गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लैंडफॉल का सिलसिला शुरू हो चुका है। चक्रवात के बाद असल में NDRF का काम शुरू होगा। काम और बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के डीजी मृत्युंजय मोहापात्र ने कहा कि हवा की सबसे ज्यादा रफ्तार साउथ और नॉर्थ-24 परगना और ईस्ट मिदनापुर जिलों में होगी, जो 155-165 से 185 किमी/घंटा है। रफ्तार लैंडफॉल प्रक्रिया के साथ बढ़नी शुरू हो चुकी है।