ब्यूरो,
यूपी के कानपुर में ड्रग्स का धंधा करने वालों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस आपस में भिड़ गई है। दो इंस्पेक्टरों के बीच इस कदर तनातनी चली के एक दूसरे को धमकी देने लगे। एक ने तो दूसरे को धमकी देते यहां तक कह दिया, ‘इंस्पेक्टर साहब.. तहरीर मेरे पास आ चुकी है। अपहरण में नाप दूंगा तो कोई बचा नहीं पाएगा।’ एक इंस्पेक्टर की दूसरे को गंभीर धमकी ने न केवल अनुशासन तार-तार किया बल्कि ड्रग्स के धंधेबाजों की तरफदारी का खुलासा भी कर दिया। मामले की सूचना मिलने पर डीसीपी सेंट्रल ने एडीसीपी को मामले की जांच सौंप रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट पर पुलिस कमिश्नर जांच कर आगे की कार्रवाई करेंगे।
जानकारी के मुताबिक एक थाने के इंस्पेक्टर को उनके क्षेत्र में गांजा बेचने वालों की सक्रियता की सूचना मिली थी। इस बाद की जानकरी अफसरों को देकर उन्होंने सुरागरसी कराई। सोमवार को ऐसे लोगों के बारे में पुख्ता सूचना मिलने पर उनकी घेराबंदी की। उधर गांजा बेचने वाले उनके क्षेत्र से निकल कर दूसरे इंस्पेक्टर के इलाके में पहुंच गए। पीछे लगे इंस्पेक्टर ने उन्हें वहीं घेर कर पकड़ लिया। इनमें गुजैनी निवासी सौरभ और डबल पुलिया काकादेव निवासी विनोद था, जिनके पास 200 पुड़िया यानी करीब एक किलो गांजा बरामद हुआ। उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। इंस्पेक्टर ने अफसरों को पूरे मामले से अवगत कराया। आरोपितों ने कबूल दिया कि वह एक थाने में पैसा देते हैं। उनके मोबाइल चेक किए गए, जिसमें शहर के एक इंस्पेक्टर के कारखासों के नंबर और उनसे बातचीत की पुष्टि हो गई।
उधर पकड़े गए लोगों के परिजन उस थाने में पहुंच गए,जहां उनका आना-जाना था। इस पर इंस्पेक्टर ने गिरफ्तारी करने वाले इंस्पेक्टर को कॉल कर कहा कि जिन्हें पकड़ ले गए हो.. उनके घरवाले अपहरण की तहरीर लेकर आए हैं। इनकी रिपोर्ट दर्ज कर दूंगा… कोई बचा नहीं पाएगा। गिरफ्तारी करने वाले इंस्पेक्टर ने भी सख्ती से जवाब दिया। फिर बाद अधिकारियों को धमकी की सूचना दे दी। इस मामले में डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि घटना संज्ञान में आई है। यह गंभीर मामला है। एडीसीपी सेन्ट्रल को मामले में जांच सौंपी गई है। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की संस्तुति करते हुए पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी जाएगी।