आज भी गांधीजी के विचार हैं प्रासंगिक : प्रो. वंदना सिंह

आलोक वर्मा, जौनपुर, ब्यूरो,

आज भी गांधीजी के विचार हैं प्रासंगिक : प्रो. वंदना सिंह

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस सप्ताह एवं स्थापना दिवस के अंतर्गत होने वाले विविध कार्यक्रमों की शुरुआत शुक्रवार को गांधी वाटिका से हुई. गाँधी वाटिका में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया.
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अहिंसा को हथियार बनाकर देशवासियों को एकजुट कर आजादी दिलाई थी. आज के दौर में हमारे आस- पास जो बहुत सारी असामाजिक घटनाएँ हो रही है. ऐसे में महात्मा गांधी का अहिंसा के प्रति दृष्टिकोण और भी प्रासंगिक हो जाता है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस सप्ताह अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा का संचार करेंगे जिससे वह एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर होते रहेंगे.

आयोजन के नोडल अधिकारी डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर गाँधी रिसर्च फाउंडेशन, जलगांव की अपेक्षा के अनुरूप कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. 02 अक्टूबर को विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया जायेगा. अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस सप्ताह के अंतर्गत पहले दिन प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में स्वच्छ भारत विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं जनसंचार विभाग में सामाजिक सद्भाव विषय पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिताओं में 100 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया. 30 सितम्बर को पर्यावरण संरक्षण पर पोस्टर प्रतियोगिता ,अहिंसा , अनेकता में एकता, सामाजिक सद्भाव पर कविता एवं शांति पर गीत प्रतियोगिता का आयोजन होगा.

आयोजन समिति के सदस्य डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. नितेश जायसवाल एवं डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. अन्नू त्यागी, शशिकांत यादव, डॉ. राहुल राय,डॉ. अंकित सिंह एवं पंकज सिंह ने कार्यक्रमों का समन्वय किया. गांधी वाटिका में समारोह के शुभारम्भ अवसर पर प्रो ए के श्रीवास्तव, प्रो. रजनीश भास्कर,एनएसएस के समन्वयक डॉ.राज बहादुर यादव, सहायक कुलसचिव दीपक सिंह, डॉ.लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डॉ. अमरेन्द्र सिंह, डॉ दिनेश सिंह, डॉ मारुती सिंह समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे.

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