मेजर, कर्नल और DSP की शहादत का बदला पूरा, अनंतनाग में मारा गया इनामी आतंकी उजैर खान

ब्यूरो,

मेजर, कर्नल और DSP की शहादत का बदला पूरा हो चुका है। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर कमांडर उजैर खान मारा गया है। सेना को एक और आतंकवादी का शव मिला है। कश्मीर एडीजीपी विजय कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आतंकी उजैर खान पर 10 लाख का इनाम घोषित था। उजैर के खात्म के साथ ही एक सप्ताह से चली आ रही अनंतनाग मुठभेड़ खत्म हो चुकी है।

अतिरिक्त डीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने मंगलवार को कहा कि अनंतनाग जिले के गारोल जंगलों में सप्ताह भर चलने वाला संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान समाप्त हो गया है, लेकिन तलाशी अभियान जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि सोमवार को बरामद किए गए शव की पहचान लश्कर-ए-तैयबा कमांडर उजैर खान के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि एक अन्य आतंकवादी का शव देखा गया है लेकिन अभी तक बरामद नहीं हुआ है।

एडीजी ने कहा, “तलाशी जारी रहेगी क्योंकि बहुत सारे क्षेत्र को कवर किया जाना है। जहां गोले पड़े हैं उन्हें नष्ट किया जाना है। हमारे पास दो-तीन आतंकवादियों की सूचना थी। हम तलाश जारी रखेंगे कि कहीं कोई तीसरा आतंकवादी तो नहीं है।” पुलिस अधिकारी ने लोगों को इलाके में न जाने की सलाह दी क्योंकि वहां जिंदा ग्रेनेड और गोले हो सकते हैं।

पुलिस अधिकारियों ने पिछले चार दिनों से ऑपरेशन पर चुप्पी साध रखी है। उनका मानना था कि दो से तीन आतंकवादी वन क्षेत्र में फंसे हुए हैं। ऑपरेशन बुधवार को शुरू हुआ था जब 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट को आतंकवादियों ने मार डाला।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, उजैर खान उन आतंकवादियों के समूह में शामिल था, जिन्होंने 12 सितंबर को गडोल गांव में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम पर घातक हमला किया था। इस हमले में सेना के दो वरिष्ठ अधिकारी और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारी की मौत हो गई थी। उजैर खान के बारे में कहा जाता है कि वह एक अत्याधिक प्रशिक्षित आतंकी था। इसके अलावा, वह अनंतनाग के इलाके को अच्छी तरह से जानता था। यही वजह है कि उसने कई दिनों तक सुरक्षाबलों के नाक में दम कर रखी थी।

सूत्रों ने बताया कि वन क्षेत्र से दो शव बरामद किए गए हैं। मृतकों में से एक की पहचान सैनिक प्रदीप के रूप में हुई है, जो बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गये थे, जबकि दूसरे मृतक की पहचान की जा रही है। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में पिछले बुधवार को हुमायूं भट के अलावा, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष ढोचक शहीद हो गये थे।

मुठभेड़ के पहले दिन ही प्रदीप लापता हो गये थे और ऐसा माना गया था कि वह मारे गये हैं। पुलिस ने पिछले तीन दिन से अभियान पर चुप्पी साध रखी है। इससे पहले, यहां मौजूद अधिकारियों ने बताया था कि पिछले छह दिन से जारी इस आतंक विरोधी अभियान के दौरान नष्ट हुए आतंकी ठिकानों में से एक के समीप ड्रोन की फुटेज में एक व्यक्ति का झुलसा हुआ शव पड़ा दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया था कि सुरक्षा बलों द्वारा इलाके की छानबीन करने के बाद ही अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

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