ब्यूरो,
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों से बीते 48 घंटे से मुठभेड़ जारी है। सुरक्षा बलों ने पहाड़ियों में छिपे दो विदेशी आतंकियों को घेर रखा है। इसके अलावा एक स्थानीय आतंकी जुबैर को भी घेर रखा है, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित है। इन आतंकियों से निपटने में इसलिए वक्त लग रहा है क्योंकि ये घने जंगल और पहाड़ियों में छिप गए हैं और वहीं से रुक-रुक कर फायरिंग कर रहे हैं। इस बीच एनकाउंटर में शामिल एक सैनिक के लापता होने की खबर है, जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं। यह एनकाउंटर बुधवार को सुबह शुरू हुआ था, जब पुलिस और सेना ने मिलकर आतंकियों की तलाश के लिए कोकरनाग के घने जंगलों में ऑपरेशन शुरू किया था। बुधवार शाम को इसी एनकाउंटर में सेना के कर्नल मनप्रीत और मेजर आशीष शहीद हो गए थे। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमांयू भट भी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। हालांकि अब तक यह जानकारी नहीं मिल सकी है कि आतंकियों की तरफ से कोई मारा गया है या नहीं। फिलहाल इन आतंकियों की हरकतों पर नजर रखने के लिए हेरोन ड्रोन जैसी नई तकनीक वाली चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक सेना और पुलिस ने मिलकर 12-13 सितंबर की रात को जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया था। यह अभियान कुछ आतंकियों की तलाश में शुरू किया गया था, जिनके बार में खबर मिली थी कि वे गरोल गांव में छिपे हुए हैं। इसी बीच आतंकी जंगल में ही स्थित ऊंची पहाड़ी में जाकर छिपने में सफल रहे और वहीं से फायरिंग कर रहे हैं। इस एनकाउंटर में शामिल एक टीम का नेतृत्व कर रहे कर्नल मनप्रीत सिंह बुधवार शाम को शहीद हो गए थे। उनके साथ ही मेजर आशीष धोनाक भी वीरगति को प्राप्त हुए थे। कश्मीर में हुमायूं भट के जनाजे में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। उनके डीआईजी पिता ने कांपते हाथों से बेटे को अंतिम विदाई दी तो हर कोई भावुक हो गया। खबर है कि कर्नल मनप्रीत और मेजर आशीष का आज अंतिम संस्कार होगा। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने दोनों अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना ने बताया कि शहीद हुए अफसरों के शवों को निकालने के लिए भी ऑपरेशन चलाना पड़ा था। उनके शवों को विशेष विमान के जरिए घरों तक पहुंचाया जाएगा।