ब्यूरो,
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को उस वायरल वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक स्कूल शिक्षक द्वारा अपने छात्रों से अल्पसंख्यक समुदाय के एक लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कह जा रहा है। इतना ही नहीं, वायरल वीडियो में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की जा रही है। ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा “बुलडोजर वाली कार्रवाई” नहीं करने के लिए भी सवाल उठाया है।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुस्लिम लड़के के पिता ने अपने बेटे को स्कूल से निकाल लिया है और लिखित में दिया है कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। उन्हें पता है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। ओवैसी ने कहा कि लड़के के पिता को लगता है कि इससे माहौल खराब हो सकता है।
उन्होंने कहा, ”ये कौन लोग हैं जो अपने बच्चे के लिए न्याय मांग रहे एक पिता के खिलाफ माहौल खराब करेंगे? यह योगीआदित्यनाथ के शासन का अभियोग है कि लोगों को उचित प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। इसकी अधिक संभावना है कि शिक्षक को दंडित होने के बजाय उसे कोई सरकारी पुरस्कार मिलेगा।” उन्होंने कहा, ”किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 स्पष्ट है। मुजफ्फरनगर पुलिस को कार्रवाई क्यों करनी चाहिए?”
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर का वीडियो पिछले 9 वर्षों का परिणाम है। ओवैसी ने कहा, “छोटे बच्चों के दिमाग में यह संदेश डाला जा रहा है कि कोई भी किसी मुस्लिम को बिना किसी गलती के मार सकता है और उसे अपमानित कर सकता है।”
लोकसभा सांसद ने इस घटना पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, ”एनसीपीसीआर और एनएचआरसी वैसे तो तुरंत स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करते हैं, लेकिन यहां उन्होंने कुछ नहीं किया है। कथित तौर पर एनसीपीसीआर न्याय सुनिश्चित करने के बजाय वीडियो के वायरल होने को लेकर अधिक चिंतित है। योगीआदित्यनाथ के बुलडोज़र और ‘ठोक दो’ का क्या हुआ?”
NCPCR ने क्लिप का संज्ञान लिया
एनसीपीसीआर ने वायरल वीडियो पर संज्ञान लिया है। चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर कहा, “कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। सभी से अनुरोध है कि बच्चे का वीडियो शेयर न करें। बच्चों की पहचान उजागर कर अपराध का हिस्सा न बनें।”
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि उसने घटना की जांच शुरू कर दी है। शिक्षिका की पहचान तृप्ति त्यागी के रूप में हुई है, जिसे मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव के एक प्राइवेट स्कूल के कक्षा 2 के छात्रों से मुस्लिम बच्चे को मारने के लिए कहते देखा जा सकता है। सर्किल ऑफिसर रविशंकर ने कहा, “वायरल वीडियो की जांच की गई और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि स्कूल का काम पूरा नहीं करने पर बच्चे की पिटाई की गई। वीडियो में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां भी सुनी जा सकती हैं। हम मामले की जांच कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई की जाएगी।”