ब्यूरो,
अलीगढ़ में एडीजे पॉक्सो की अदालत से महज 24 दिनों में दुष्कर्म के प्रयास के एक मामले में आरोपी पर दोष सिद्ध करते हुए सजा सुनायी गई है। जिले में इतने कम दिनों में सजा दिलाने का यह पहला मामला बताया जा रहा है। दोषी को साल साल का सजा के साथ जुर्माना लगाया गया है।
विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि एडीजे पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सराय की अदालत से यह फैसला सुनाया गया है। थाना सासनीगेट क्षेत्रांतर्गत मोहल्ला जयगंज के रहने वाले व्यक्ति की बेटी 14 जुलाई की शाम को घर के बाहर खेल रही थी। उसी समय दो लोग आए और उसे बहला-फुसलाकर घुड़ियाबाग चौकी क्षेत्र में खंडहर मकान में नौ वर्षीय बालिका से दुष्कर्म का प्रयास किया गया। बच्ची की चीख सुनकर एक दुकानदार दौड़ा-दौड़ा पहुंचा। उसको देख आरोपी भाग खड़े हुए।
मामले में सीओ अभय पांडेय की टीम ने दो दिन में एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सीसीटीवी खंगालने पर आरोपियों को पकड़ा गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 20 अगस्त को आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया था। एक अगस्त को पॉक्सो की विशेष अदालत में इमशाद पर चार्ज फ्रेम किया गया।
इसके बाद दो अगस्त को पीड़िता व वादी की गवाही, चार को पीड़िता की मां व चश्मदीद की गवाही, सात अगस्त को पीड़िता के पिता, डॉक्टर व मोहल्ले के एक युवक की गवाही, नौ को विवेचक, सीसी व जिस मकान में सीसीटीवी कैमरे लगे थे, उनकी गवाही, 10 अगस्त को सीसी से जिरह, 14 अगस्त को 313 के बयान, 16 अगस्त को सफाई साक्ष्य, 18 अगस्त को बहस की प्रक्रिया पूरी हुई।
गुरुवार को अदालत ने आरोपी इमशाद को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। जिसमें उसको सात साल की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया। विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि यह फाइल शासन की ओर से चिह्वित थी। इसका एक महीने के अंदर निस्तारण करना था। इसके तहत तेजी से पैरवी की गई।
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि दोषी इमशाद ने वर्ष 2005 में सासनीगेट क्षेत्र में एक नौ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। इसमें उसे सजा हो चुकी है।
न्यायालय से दोषी पर सजा सुनाने के साथ 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जिसमें से 25 हजार रुपये पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए हैं।
विशोष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मिशन शक्ति अभियान के तहत मामले में तेजी के साथ पैरवी कराई गई। समय से गवाही हुई। इसमें थाना पुलिस का भी सहयोग रहा। जिले का यह पहला मामला है, जिसमें इतने कम समय में सजा हुई।
एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार पूर्ण मनोयोग से अल्प समय में ही अपराधी को सजा दिलवाने के लिए थाना पुलिस, अधिकारी व अभियोजन टीम बधाई के पात्र हैं। टीम की प्रशंसा की जाती है।