ब्यूरो,
तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़े रेलयात्री कोच में शनिवार तड़के आग लग गई। इस हादसे में रामेश्वरम जाने वाले 9 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। दक्षिण रेलवे ने कहा कि यात्री कोच में अवैध रूप से लाए गए गैस सिलेंडर की वजह से आग लगी। जिस डिब्बे में आग लगी, वह एक प्राइवेट पार्टी कोच (किसी व्यक्ति द्वारा बुक किया गया पूरा डिब्बा) था। इसमें सवार यात्री पिछले हफ्ते लखनऊ से तीर्थयात्रा पर निकले थे और अधिकतर यात्री उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व उसके आसपास के इलाकों के निवासी थे।
हादसे के पीड़ितों में से एक ने बताया कि डिब्बे का दरवाजा बंद था और उसे तोड़ने के बाद लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची मदुरै की जिलाधिकारी एमएस संगीता ने कहा कि रेलकोच में लगी आग में 9 लोगों की मौत हुई, जबकि 20 अन्य घायल हुए हैं जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग लगने की घटना शनिवार तड़के पांच बजकर 15 मिनट पर हुई और मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने सुबह सात बजकर 15 मिनट पर आग पर काबू पा लिया।
घटनास्थल पर एक एलपीजी सिलेंडर, आलू की बोरी, बर्तन और लकड़ियां मिली हैं जिससे डिब्बे में खाना पकाए जाने के पर्याप्त संकेत मिले हैं। मालूम हो कि कोई भी व्यक्ति आईआरसीटीसी के पोर्टल का इस्तेमाल करके प्राइवेट पार्टी कोच बुक कर सकता है, लेकिन उसे डिब्बे में गैस सिलेंडर या कोई ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं होती है। इस कोच का इस्तेमाल केवल यात्रा उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। साथ ही यात्रियों के ट्रेन में चढ़ने से पहले ठीक ढंग से जांच करने का भी प्रावधान है। रेलवे की गाइडलाइन व नियमों का पालन करने का सख्त निर्देश है।
ट्रेन से यात्रा के दौरान यात्री अपने साथ कौन-कौन सी चीजें नहीं लेकर जा सकते हैं, इसे लेकर बाकयदा नियम बनाए गए हैं। गैस सिलेंडर, पटाखे, एसिड, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, थर्मिक वेल्डिंग, स्टोव और विस्फोटक जैसी ज्वलनशील चीजें लेकर जाना रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 67,164 और 165 के तहत दंडनीय अपराध है। धारा 67 में खतरनाक या आपत्तिजनक सामान की ढुलाई को लेकर विस्तार से बताया गया है। धारा 164 और धारा 165 ट्रेन में गैरकानूनी तरीके से आपत्तिजनक सामान लाने के बारे में बात करती है। इस अपराध में 3 साल तक की कैद या 500 रुपये से 1,000 रुपये तक जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। प्रतिबंधित सामान लेकर जाने वाले लोग ट्रेन में होने वाली किसी भी हानि, चोट या दुर्घटना के लिए उत्तरदायी होंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)