ब्यूरो,
राजधानी लखनऊ में मकान लेना आसान होगा। एक बार फिर एलडीए किश्तों पर फ्लैट व मकान बेचेगा। लोगों को 10 वर्षों तक किश्तें जमा करने की सुविधा दी जाएगी।
एक बार फिर एलडीए किश्तों पर फ्लैट व मकान बेचेगा। लोगों को 10 वर्षों तक किश्तें जमा करने की सुविधा दी जाएगी। आवंटित फ्लैट का कब्जा सम्बंधित व्यक्ति को 35 प्रतिशत रकम जमा करने पर ही दे दिया जाएगा। इससे सम्बंधित व्यक्ति फ्लैट में रहना शुरू कर सकेगा।
एलडीए ने कई वर्ष पहले ही किश्तों पर मकान, प्लाट व फ्लैट बेचना बंद कर दिया था। केवल दो वर्षों में पूरी रकम जमा कराने की सुविधा थी। लेकिन अब एक बार फिर से किश्तों पर फ्लैट बेचने की तैयारी है। अधिकतम 10 वर्षों की किश्तों पर फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। आवंटी को पंजीकरण के समय 10 प्रतिशत रकम जमा करनी होगी। इसके बाद उसे 25 प्रतिशत रकम आवंटन के बाद देनी होगी। कुल 35 प्रतिशत रकम जमा करने पर सम्बंधित आवंटी को फ्लैट का कब्जा मिल जाएगा। बाकी 65 प्रतिशत रकम उसे 10 वर्षों में साधारण ब्याज के साथ चुकानी होगी। 50 लाख का फ्लैट खरीदने वाले को केवल 18 लाख रुपए जमा करने पर कब्जा मिल जाएगा जिससे लोग अपने घर में रह सकेंगे।
फ्लैट का कब्जा मिलने से लोगों को मिलेगी राहत
अभी फ्लैट खरीदने वालों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है। जब तक वह पूरा पैसा जमा कर रजिस्ट्री नहीं कराते हैं तब तक उन्हें फ्लैट का कब्जा नहीं मिलता है। इसकी वजह से लोगों को फ्लैट खरीदने के बावजूद किराए के मकान में रहना पड़ता है। इससे उन्हें एक तो मकान का किराया चुकाना पड़ताा है और दूसरे दो साल की किश्त भी भरनी पड़ती है। उन पर किराया व किश्त दोनों का बोझ पड़ता है। लेकिन अब 35 प्रतिशत रकम जमा करने के बाद सीधे कब्जा मिल जाएगा। इससे लोगों का किराए के मकान का पैसा बचेगा। वह अपने मकान में रह सकेंगे।
एआईजी स्टाम्प के साथ आज होगी मामले में बैठक
आज इस मामले में एलडीए एआईजी स्टाम्प के साथ बैठक करेगा। बैठक में यह देखा जाएगा कि लोगों को 35 प्रतिशत रकम पर मकान का कब्जा देने से स्टाम्प शुल्क पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा। एआईजी के साथ बैठक में इस पर मंथन होगा।
एलडीए सहायक लेखाधिकारी विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि आवंटियों को किश्तों पर फ्लैट देने की तैयारी है। 35 प्रतिशत रकम जमा करने पर कब्जा भी दिया जाएगा। स्टाम्प शुल्क में कोई अड़चन तो नहीं आएगी। इसके परीक्षण के लिए मंगलवार को एआईजी के साथ बैठक होगी। इसमें तय होगा कि स्टाम्प शुल्क कैसे देना होगा। इसके बाद लोगों को किश्तों पर मकान आवंटित करने का रास्ता खुल जाएगा।