सपा विधायक पूजा पाल ने बीजेपी में जाने को लेकर चल रही अटकलों को किया खारिज

ब्यूरो,

यूपी की चायल सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने खुद के बीजेपी में जाने को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही अटकलों को खारिज किया है। पूजा पाल ने कहा है कि वह सपा में हैं और यहीं रहेंगी। किसी और पार्टी में जाने का कोई इरादा नहीं है। उन्‍होंने इन अटकलों को राजनीतिक दलों की साजिश करार दिया है।

पूजा पाल के पति राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में निर्मम हत्‍या कर दी गई थी। इस हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोप अतीक के भाई अशरफ जिसे राजू पाल ने इलाहाबाद पश्चिमी सीट पर हुए उपचुनाव में हरा दिया था। यह सीट 2004 में अतीक के फूलपुर से सांसद बन जाने के चलते खाली हुई थी। अतीक ने यहां से अपने छोटे भाई अशरफ को मैदान में उतारा था जिसे चुनौती देते हुए राजू पाल इलेक्‍शन जीत गए थे। उस वक्‍त अतीक और अशरफ सपा में थे और राजू पाल बसपा में। राजूपाल की हत्‍या के बाद हुए चुनाव में अशरफ विधायक बना।

पति की हत्‍या के बाद पूजा पाल ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभाला। वक्‍त का पहिया घूमा और हालात ऐसे बने कि अतीक-अशरफ सपा छोड़ कभी बसपा तो कभी कहीं और सुरक्षित ठौर की तलाश में भटकते रहे। इस साफ फरवरी में उन्‍होंने विधायक राजू पाल हत्‍याकांड के प्रमुख गवाह रहे अधिवक्‍ता उमेश पाल की निर्मम हत्‍या कराई और उसके बाद अप्रैल में दोनों भाई खुद भी मारे गए। अतीक की हत्‍या के एक दिन पहले ही उसके बेटे असद का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था।

अतीक और अशरफ के मारे जाने के बाद से पूजा पाल लगातार चर्चा में हैं। इस बीच अतीक के परिवार पर शिकंजा कसने के लिए वह कई बार योगी सरकार की तारीफ कर चुकी हैं। अब इधर जब सपा गठबंधन से निकले ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान जैसे नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया तो सपा के कई और नेताओं को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें शुरू हो गईं। पूजा पाल भी उनमें से एक हैं। कहा जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकती हैा।

इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि पूजा पाल पति की हत्‍या के आरोपी माफिया को मिट्टी में मिला देने वाले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की प्रशंसक हैं और इस वजह से सपा के लिए वह असहज स्थिति पैदा कर देती हैं। अब जब लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का वक्‍त बचा है और भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए तमाम उपाय कर रही है तो पाल समुदाय की एक मजबूत और सशक्‍त नेता को अपने साथ लाना उनके लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यानि इस वक्‍त पूजा का भाजपा में जाना कई कारणों से दोनों के लिए मुफीद लग रहा है लेकिन मंगलवार को खुद पूजा पाल ने ट्वीट करके इन सारी अटकलों पर विराम लगा दिया।

पूजा पाल ने लिखा, ‘सोशल मीडिया पर चलाये जाने वाली खबर असत्य व बेबुनियाद है मैं किसी पार्टी में नहीं जा रही हूं सब राजनीतिक दलों की साजिश है ।मैं समाजवादी पार्टी में ही हूं ये मेरी छवि को लोगों के बीच धूमिल करने का प्रयास है।’

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