महाचक्रवात अम्फान आज यानी (बुधवार) को विकराल रूप धारण कर सकता है और बड़ी तबाही मचा सकता है। सुंदरवन के करीब बांग्लादेश में दीघा और हटिया के बीच टकराने की आशंका है। मगर इससे पहले ओडिशा में तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, आपदा प्रबंधन दल और सैन्य बचाव दल संभावित स्थितियों से निपटने को तैयार है। अम्फान के संभावित प्रकोप को लेकर पूर्वी भारत के ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद जारी है। महाचक्रवात से निपटने में दोनों देशों और संबंधित राज्यों का प्रशासनिक अमला पूरी ताकत से जुटा है। सरकारें व एजेंसियां जरूरी सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान कर रहे हैं। यह दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में दूसरा महाचक्रवात है। बता दें कि वर्ष 1999 में ओडिशा में आये महाचक्रवात के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में यह ऐसा दूसरा चक्रवात है। अम्फान तूफान के संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें अलर्ट पर हैं। ओडिशा और बंगाल में तटीय इलाकों को पूरी तरह से खाली करा दिया गया है। अलर्ट सिस्टम आधारित एसएमएस भेजे जा रहे हैं। तटीय इलाकों में आपात सायरन बज रहे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल में करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने की गतिविधियां निलंबित की गई हैं। तूफान के संभावित क्षेत्रों में लोगों के चेहरों पर दहशत देखी जा रही है। इस बीच बारिश भी तेज हो गई है।
सरकारें व एजेंसियां जरूरी सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान कर रहे हैं। यह दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में दूसरा महाचक्रवात है। सोमवार को महाचक्रवात के ओडिशा तटों के करीब पहुंचने के साथ ही कुछ हिस्सों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। ओडिशा और बंगाल में लगातार तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। सोमवार को महाचक्रवात के ओडिशा तटों के करीब पहुंचने के साथ ही कुछ हिस्सों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि चक्रवात के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों से कम से कम तीन लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्हें मास्क दिए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और हेल्पलाइन शुरू की गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिले प्रभावित हो सकते हैं। जबकि ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रापाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भारी वर्षा और तूफान आएगा। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश नदी क्षेत्र मोर्चे और इच्छामती नदी की सुरक्षा के लिए तैनात अपनी तीन चलती फिरती सीमा चौकियों और जहाज तथा 45 अन्य गश्ती नौकाओं को चक्रवात के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।ओडिशा के विशेष बचाव आयुक्त पीके जेना ने कहा कि एहतियाती कदम के तौर पर निचले इलाकों, तटीय जिलों में मिट्टी के घरों में रह रहे 11 लाख लोगों को निकालने का काम जारी है। यह मंगलवार देर रात तक पूरा कर लिया जाएगा। महाचक्रवात ‘अम्फान’ मंगलवार को कुछ कमजोर पड़कर ‘अत्यंत भीषण’ चक्रवाती तूफान में बदल गया लेकिन अभी भी यह इतना ताकतवर बना हुआ है कि यह पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में नुकसान पहुंचा सकता है। इन दोनों राज्यों से लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।यह पश्चिम बंगाल में दीघा तट से 510 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में केन्द्रित है था, इसलिए इसके उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने का अनुमान है। इन दोनों राज्यों में सतर्कता बरती जा रही है।
. मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच आर विश्वास ने कहा कि सुबह ‘अम्फान का केंद्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर था, जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 420 किलोमीटर दक्षिण, दीघा से 570 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और बांग्लादेश के खेपुपारा से 700 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में है। उन्होंने कहा कि इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में कमजोर होकर उत्तर-उत्तरपूर्व की दिशा में बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचने और बुधवार की दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के बीच दीघा और हटिया द्वीप के बीच से गुजरने की संभावना है और तूफान में हवाओं की गति निरतंर 155 से 165 किलोमीटर प्रति बनी रहेगी जो बीच-बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने कहा कि आसन्न महाचक्रवात ‘अम्फान’ से उत्पन्न किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बल की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है। प्रधान ने कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ के रूप में यह दूसरी आपदा आ रही है क्योंकि हम पहले ही कोविड-19 का मुकाबला कर रहे हैं और इसलिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गई है। अम्फान से प्रभावित होने वाले दो राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चूंकि चक्रवात धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है इसलिए ओडिशा में इसका असर बहुत ज्यादा होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जैसे तटीय जिलों में मंगलवार शाम से भारी बारिश होने और तेज हवाएं चलने की आशंका है। पश्चिम बंगाल में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर जिले और पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील सुंदरवन को तेज जल प्रवाह और जानमाल के नुकसान का गंभीर खतरा है। राज्य के आपदा विभाग मंत्री जावेद खान ने कहा, ”लोगों को चक्रवात आश्रय केंद्रों, स्कूल और कॉलेजों में रखा गया है। पिछले साल चक्रवाती तूफान ‘फोनी और ‘बुलबुल से निपटने के हमारे अनुभव काम आएंगे। (इनपुट भाषा से)