ब्यूरो,
औरैया के थाना कुदरकोट के गांव गोपियापुर में एक परिवार कच्ची दीवार पर दोनों तरफ छप्पर डालकर रह रहा था। शुक्रवार रात छप्पर के नीचे सोते समय अचानक कच्ची दीवार के गिर जाने से परिवार के सभी छह सदस्य उसके नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए। चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग घायलों को मलबे से निकालकर सीएचसी बिधूना ले आए। जहां पर डाक्टरों ने पति, पत्नी व एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
जबकि गंभीर घायल दो बच्चों को सैंफई के लिए रेफर कर दिया है। वहीं कम घायल बच्चे का इलाज कर उसके ताऊ के साथ घर भेज दिया है। डीएम व एसपी ने रात में ही गांव में पहुंचकर घटना स्थल को देखा व वहां मौजूद लोगों से वार्ता की।
सरकारी आवास न मिलने के कारण रहे थे कच्चे मकान में
जानकारी के अनुसार थाना कुदरकोट व ब्लाक ऐरवाकटरा की ग्राम पंचायत बीबीपुर के मजरा गोपियापुर निवासी इंद्रवीर राठौर (45) पुत्र तुलसीराम राठौर गरीबी व सरकारी आवास न मिलने के अभाव में एक कच्ची दीवार पर दोनों तरफ छप्पर रखकर पत्नी शकुन्तला (42), आकाश (15), विकास (12), अनुराग (10) व अंशू (6 वर्ष) के साथ रहकर जिंदगी का गुजारा कर रहा था। मेहनत मजदूरी कर परिवार को पेट पाल रहा था।
उक्त परिवार गांव में बने पंचायत घर में खाना बनाता खाता था। जिसके बाद अपने छप्पर वाले में मकान में आकर सोता था। जहां पर अपने जानवर भी बांधता था। शुक्रवार की शाम खाना खाकर पूरा परिवार छप्पर के नीचे सोया था। तभी रात्रि करीब 11ः15 बजे अचानक कच्ची दीवार गिर गई। जिससे इंद्रवीर के परिवार के सभी छह सदस्य दीवार के मलबे के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
दीवार के गिरने से उसके नीचे दबे परिवार के सदस्यों की चीख पुकार सुन पास में ही रह रहे इंद्रवीर के भाई कन्हैयालाल, राम प्रकाश, चन्द्र प्रकाश व धर्म प्रकाश एवं अन्य पड़ोसी दौडे। जिन्होंने आनन-फानन मलबे में दबे परिवार के सदस्यों को निकालने के प्रयास के साथ घटना की जानकारी पुलिस को दी। कुछ देर में ही ग्रामीण मलबे में दबे गंभीर घायल इंद्रवीर, शकुन्तला, आकाश, विकास, अनुराग व अंशू को मलबे से बाहर निकाल पुलिस के सहयोग से रात करीब 12:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना ले आए।
जहां पर डाक्टरों ने इंद्रवीर, शकुन्तला व विकास को देखते ही मृत घोषित कर दिया। जबकि आकाश, अनुराग व अंशू की गंभीर हालत को देखते हुए रिम्स सैंफई के लिए रेफर कर दिया है। वहीं तीनों मृतकों के शवों का रात में ही पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
कच्ची दीवार के गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत पर जहां गांव में मातम छाया हुआ है। वहीं मृतकों के परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं जिलाधिकारी पी. सी. श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने रात्रि में ही गोपियापुर घटना स्थल पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली। जिसके बाद अस्पताल आकर परिजनों से वार्ता की। बताया गया कि दीवार गिरने से गरीब परिवार के जानवर भी दबकर घायल हो गए हैं।
हादसे के बाद डीएम व एसपी ने अस्पताल पहुंचकर मृतकों के परिजनों से वार्ता की। साथ ही घायल बच्चे के बेहतर इलाज के लिए डाक्टरों को निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि गोपियापुर गांव में एक मोटी कच्ची दीवार गिर गयी है। जिससे उसमें रह रहे इंद्रवीर उनकी पत्नी व एक बेटे की दुखद मौत हो गयी है। तीन बेटे घायल हैं। जिसमें एक कम घायल है। गंभीर दो बच्चों को रिम्स सैंफई के लिए रेफर किया गया है।
उन्होंने बताया कि हम लोग गांव गये थे। घटना के तत्काल बाद थाना व तहसील की टीम ने मौके पर जाकर गांव वालों के सहयोग से रेस्क्यू आपरेशन कर सभी को अस्पताल लाया गया, पर इसमें तीन लोगों की दुखद मृत्यु हो गयी है। बताया कि हम इसमें देखेंगे कि इनके लिए क्या कर सकते हैं। जो भी सरकार की सहायता दे सकते हैं, वो तत्काल 1-2 दिन में उपलब्ध करायी जाएगी।
सरकारी आवास के बारे बताया कि अभिलेख तो सुबह दिन में देखने को मिलेंगे, पर प्रधान से पूछा तो बताया कि इस वर्ष इनका चयन हो गया था और प्रथम किस्त इनके खाते में चली भी गयी थी। यह आवास बनाने वाले ही थे, पर उससे पहले यह दुखद घटना हो गयी। कहा कि यह आपदाएं है। यह लोग खाना बरात घर में बनाते थे और सोने के लिए अपने घर में आते थे।
बताया कि कच्ची मोटी दीवार थी, वह गिर गयी। जानवर भी वहीं पास में बंधे रहते हैं। बच्चों के नाम बहुत जल्द पांच लाख रूपए स्वीकृत करेंगे। पीएम आवास मिल चुका है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए कुछ न कुछ तीनों को हमेशा मिलता रहे, जब तक ये बड़े हो जायें। उसके लिए मुख्यमंत्री की योजना है, जो कोविड काल में शुरू हुई थी। उसमें हर बच्चे को 4 हजार रूपया महीना पढ़ने को मिलेगा।