जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी 196 नगरीय क्षेत्रों (नगर निगम, नगरपालिका एवं नगर परिषद) तथा कृषि मण्डियों में अनिवार्य रूप से मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्थान ने कोरोना के नियंत्रण में जो सफलता प्राप्त की है, उसे आगे भी कायम रखा जाये। उन्होंने जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, टोंक, झुंझुनूं, बांसवाड़ा आदि जिलों में भीलवाड़ा मॉडल लागू कर स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के जरिए जयपुर सहित प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू वाले सभी 38 क्षेत्रों में इसकी सख्ती से पालना करवाई जाए। कर्फ्यू वाले क्षेत्र से कर्मचारी सहित कोई भी व्यक्ति अंदर या बाहर नहीं जाए। उन्होंने कहा कि जयपुर में भट्टा बस्ती, अमृतपुरी, खो-नागोरियान, मोती डूंगरी रोड क्षेत्र, जहां घनी आबादी है, वहां रामगंज की तरह ही स्क्रीनिंग, टेस्टिंग सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर में चारदीवारी के अलावा जिन जगहों पर कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आये हैं, वहां आस-पास के लोगों को होम (निवास) क्वारंटाइन में रखा जाए। क्वारंटाइन के लिए जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में स्थित बड़े शिक्षण संस्थानों, होटल, हॉस्पिटल एवं अन्य भवनों को चिन्हित कर उपयोग में लिया जाए। क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए और प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाए। जयपुर विकास आयुक्त टी. रविकांत शहर की सभी क्वारंटाइन सुविधाओं के प्रभारी होंगे।
गहलोत ने निर्देश दिये कि कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट्स में प्रभावी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए कैमरे लगाकर निगरानी की जाए। इससे लोगों की आवाजाही पर पूरी नजर रखी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि चारदीवारी में यह प्रयोग सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह की व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने निर्देश दिए ड्रोन कैमरों का उपयोग कर मॉनिटरिंग को अधिक प्रभावी बनायें, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के चारदीवारी में संक्रमण के प्रभाव वाले क्षेत्रों में क्लस्टर सैम्पलिंग की व्यवस्था की जाए। इसके लिए पूरे क्षेत्र को 30 कलस्टरों में बांटकर प्रत्येक कलस्टर से 30 सैम्पल लिये जाएं। इससे क्षेत्र में अधिक संक्रमण वाले इलाकों का पता चल सकेगा और इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने में आसानी होगी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में 5 मोबाइल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था करने के भी निर्देश दियेे।
गहलोत ने भीलवाड़ा के सभी 25 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। आगे भी हम इसी तरह से अपने मिशन को अंजाम दें, ताकि अन्य जिलों में भी कोरोना को सफलतापूर्वक हरा सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम की मुहिम में शामिल सभी स्वास्थ्यकर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों को सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं। साथ ही, उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हों। उन्होंने लॉकडाउन खुलने पर मेडिकल सुविधा के लिए क्या प्रोटोकॉल होगा उसकी अभी से प्लानिंग करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे लोगों की जीवन की रक्षा के लिए जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि ये स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर आपकी सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश को कोरोना से बचाने के लिए सबकी जिम्मेदारी है कि हम बिना किसी डर और संकोच के स्क्रीनिंग एवं जांच सहित अन्य कार्यों में स्वास्थ्यकर्मियों का आगे बढ़कर सहयोग करें। यह आपके अपने हित में है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल में 3 हजार सैम्पल की टेस्टिंग हो रही है। सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार के बाद अब तक 66 मरीज नेगेटिव हुए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग के लिए 10 लाख किट्स का ऑर्डर दिया जा चुका है। इनमें से 2 लाख किट्स की पहली खेप जल्द ही प्राप्त हो जायेगी। उन्होंने बताया कि अब सबसे ज्यादा टेस्ट करने के मामले में महाराष्ट्र के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर है।