ब्यूरो,
जौनपुर हमेशा विवादों से नाता रखने वाले अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय जौनपुर में तैनात सीएमएस डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा को आखिरकार शासन जांच के बाद मिली रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड करते हुए मुख्यालय अटैच कर दिया।उनके इस निलंबन की खबर मिलते ही जहां जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर, स्टाफ नर्स, सहित तीमारदारों ने राहत की सांस ली वही उनके खास दलालों में बेचैनी दिखाई दिया कि अब उनका क्या होगा। गौरतलब है कि डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा का विवादों से नाता कोई नया नहीं है, एक दशक पूर्व जब वह यहां बतौर सर्जन तैनात थे तब भी उन्होंने कई ऐसे कांड को अंजाम दिया था जिससे मीडिया में वे हमेशा सुर्खियों में बने रहते थे,तब उनके विरुद्ध एक डायग्नोसिस सेंटर से मिलीभगत कर फर्जी रिपोर्ट बनवा कर ऑपरेशन करने का आरोप लगा था और इसी के चलते एक मरीज की मौत भी हो गई थी जिसने मौत से पहले अपना बयान कैमरे पर भी दिया था।बाद में इस मामले में वे दोषी भी पाए गए थे। इस बार जब वह सीएमएस बनकर यहां तैनात हुए तो उनकी हदें चीज में पार करती हुई नजर आई।। सीएमएस डॉ. अनिल कुमार शर्मा सुबह से ही ऑपरेशन थिएटर के बाहर अपने एक दलाल के साथ बैठ जाते थे। और 4 से ₹दस हज़ार प्रति ऑपरेशन की फीस अलग से वसूला करते थे,यही नहीं आए दिन उनके खिलाफ शिकायतें होती थी लेकिन कार्यवाही कोई अधिकारी करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। डीएमके मनीष कुमार वर्मा के आदेश पर जब तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल ने कई मामलों की जांच की तो कई आरोप सही पाए गए तब उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपा और डीएम ने उसे शासन को भेज कर कार्यवाही की मांग शासन से किया। इस दौरान हॉस्पिटल की सरकारी दवाइयां जब बाहर मेडिकल स्टोर पर मिली तो डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने इसे गंभीरता से लेते हुए 3 फॉर्मिस्ट को सस्पेंड करते हुए सीएमएस के विरुद्ध जांच के आदेश दिए। आखिरकार कई जांचों में डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा दोषी गए और उन्हें सस्पेंड कर दिया है।