ब्यूरो,
गोरखपुर-लखनऊ प्रयागराज वंदे भारत जल्द दौड़ेगी। एनई और एनसी रेलवे ने इसका शेड्यूल तैयार कर लिया है। प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द इस पर मुहर लग जाएगी।
गोरखपुर से प्रयागराज वाया लखनऊ तक वंदे भारत जल्द दौड़ेगी। इस ट्रेन को चलाने के लिए एनई और एनसी रेलवे ने शेड्यूल तैयार कर प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया है। दोनों रेलवे ने यह प्रस्ताव बोर्ड के ही निर्देश पर तैयार किया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इस प्रस्ताव पर बोर्ड की मुहर लग जाएगी।
सप्ताह में छह दिन चलने वाली वंदे भारत गोरखपुर से अपराह्न तीन बजे रवाना होगी और शाम को 7.20 बजे लखनऊ पहुंचेगी। इसके बाद लखनऊ से प्रस्थान कर रात 10.50 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। वापसी में प्रयागराज से यह ट्रेन सुबह 6.20 बजे प्रस्थान कर सुबह 9.50 बजे लखनऊ पहुंचेगी। यहां से प्रस्थान करने के बाद अपराह्न 2.20 बजे वंदे भारत गोरखपुर पहुंचेगी। बहरहाल बोर्ड से निर्देश मिलने के बाद दोनों रेलवे के अफसर वंदे भारत को लेकर काफी उत्साहित हैं।
ट्रेन के कोच वातानुकूलित चेयर कार हैं जिनमें दो बैठने के विकल्प दिए गए हैं। इकॉनमी और एग्जीक्यूटिव क्लास। खासियत यह है कि एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग चेयर है जो 180 डिग्री तक मुड़ सकती है। वंदे भारत में प्रदान की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण सुविधाओं में से एक यह है कि इसके दरवाजे मेट्रो की भांति ही आटोमेटिक खुलते हैं। वहीं, वंदे भारत में इंटरनेट की सेवाओं का उपयोग करने के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा है। इसके अलावा, मोबाइल फोन या टैबलेट पर कुछ पढ़ने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे।
पूरे भारतीय रेल में पहली वंदे भारत ट्रेन वाराणसी से नई दिल्ली के बीच शुरू हुई। वर्तमान में ये ट्रेन निर्बाध रूप से दौड़ रही है। दूसरी वंदे भारत जम्मू से कटरा के बीच चल रही है। तीसरी वंदेभारत का चंडीगढ़ से चेन्नई के बीच ट्रायल हुआ है। चौथी ट्रेन गोरखपुर से लखनऊ-प्रयागराज शुरू होने की उम्मीद है।
-ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर की केबिन तक की झलक देख सकें
-सामान को रखने के लिए प्रत्येक कोच में मॉड्यूलर रैक हैं। इससे स्पेस की दिक्कत नहीं होती है।
-पैंट्री में भोजन और पेय पदार्थों को गर्म और ठंडा करने के लिए बेहतर गुणवत्ता के उपकरण भी दिए गए हैं
-मोबाइल या लैपटॉप को आसानी से चार्ज करने के लिए कोच की हर सीट पर सॉकेट उपलब्ध कराए गए हैं
-डिब्बों के बीच के गैप को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यह बाहरी शोर को कम करने में मदद करता है।